From 67ed7c8a0051bb92e79cbd1f767d295f4e3adf6d Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Fri, 28 Jul 2023 22:06:21 +0545 Subject: [PATCH] Fri Jul 28 2023 22:06:21 GMT+0545 (Nepal Time) --- 09/07.txt | 2 +- 09/09.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/09/07.txt b/09/07.txt index 85b11bd..59db5c4 100644 --- a/09/07.txt +++ b/09/07.txt @@ -1 +1 @@ -\v 7 अपन खर्चमे कौन पुलिसको काम करैगो? दाखबारी लगाएके कौन बाको फल ना खएहए ? अथवा भेडा बकरिया पालके कौन बाको दूध ना पीहए ? \v 8 का आदमीको दृष्टिकोणसे इकल्लो मए जा कहत हौ ?अथवा का व्यवस्था फिर जहे बात ना कएहए ? \ No newline at end of file +\v 7 अपन खर्चमे कौन पुलिसको काम करैगो? दाखबारी लगाएके कौन बाको फल ना खएहए ? अथवा भेडा बकरिया पालके कौन बाको दूध ना पीहए ? \v 8 का आदमीको दृष्टिकोणसे इकल्लो मए जा कहत हौ ?अथवा का व्यवस्था फिर जहे बात ना कएहए ? \ No newline at end of file diff --git a/09/09.txt b/09/09.txt index 97b118a..73abd97 100644 --- a/09/09.txt +++ b/09/09.txt @@ -1 +1 @@ -\v 9 मोशाकी व्यवस्थामे एैसो लिखो हए , "दाँहँ करत ब्राधके मोखरी मतलगओ का परमेश्‍वर गौसए ब्राधको मात्र वास्ता करत हए ?" \v 10 10 का बा हमर ताहिँ जा नाकही हए का? हमर ताहीं जा लिखो हए| कहिके जोतन बारो और पैरी गाँहनबारो अन्नको थोरी हिस्सा पान आशामे जोतत् और गाँहत हए| \v 11 11 अगर हम तुमर बिचमे आत्मीक बिउ बोएहंएँ कहेसे, और तुमर भौतिक सम्पत्तिको कटानी करेहए कहेसे, का बो जद्धा हुहए र? \ No newline at end of file +\v 9 मोशाकी व्यवस्थामे एैसो लिखो हए , "दाँहँ करत ब्राधके मोखरी मतलगओ का परमेश्‍वर गौसए ब्राधको मात्र वास्ता करत हए ?" \v 10 का बा हमर ताहिँ जा ना कही हए ? हमर ताहीं जा लिखो हए । कहिके जोतन बारो और पैरी गाँहनबारो अन्नको थोरी हिस्सा पान आशामे जोतत् और गाँहत हए । \v 11 अगर हम तुमर बिचमे आत्मीक बिउ बोएहंएँ कहेसे, और तुमर भौतिक सम्पत्तिको कटानी करेहए कहेसे, का बो जद्धा हुहए र ? \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index cdaa1a6..90e5982 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -122,6 +122,7 @@ "09-title", "09-01", "09-03", + "09-07", "10-title", "11-title", "12-title",