From 5f1aa02182e6cc49757a639b49bb22d6a64e77d8 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 20:25:12 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 20:25:12 GMT+0545 (Nepal Time) --- 03/01.txt | 2 +- 03/03.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/03/01.txt b/03/01.txt index 697379b..005f6e2 100644 --- a/03/01.txt +++ b/03/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 3 \v 1 भैया रेओ, तुमरसंग मस्कन आत्मिक जनसंग मस्कन जैसो मए ना मस्कपओ, पर सांसारिक आदमी,ख्रीष्टमे दुधे बाच्चाकसंग मस्कोजैसो मए मस्क पऔ । \v 2 मए तुमके दूध खबओ, कर्रो चिज नाए, काहेकी तुम बाके ताहिँ तयार ना रहौँ, और हबए फिर ना हौ । \ No newline at end of file +\c 3 \v 1 भैया रेओ, तुमरसंग मस्कन आत्मिक जनसंग मस्कन जैसो मए ना मस्कपओ, पर सांसारिक आदमी,ख्रीष्टमे दुधे बाच्चाकसंग मस्कोजैसो मए मस्क पऔ । \v 2 मए तुमके दूध खबओ, कर्रो चिज नाए, काहेकी तुम बाके ताहिँ तयार ना रहौँ, और हबए फिर ना हौ । \ No newline at end of file diff --git a/03/03.txt b/03/03.txt index 2b284d5..fce4428 100644 --- a/03/03.txt +++ b/03/03.txt @@ -1 +1 @@ -\v 3 3 तुम हबए फिर संसारिक हौ| काहेकी जब तुमर बिचमे गुस्सा और हल्ला गुल्ला हए, तव का तुम संसारिक चलमे चलनबारे साधारण आदमी जैसे नाए भए हौ क ? \v 4 4 काहेकी एक "पावलको" और दुसरो "मए अपोल्लोसको" कहत हौ कहेस, संसारिक आदमी जैसोनाए भए का? \v 5 5 अपोल्लोस का है? पावल का है? प्रभु सबके खटाए अनुसार सेवक इकल्लो हँए, बहेसे तुम विश्वास करे । \ No newline at end of file +\v 3 तुम हबए फिर संसारिक हौ| काहेकी जब तुमर बिचमे गुस्सा और हल्ला गुल्ला हए, तव का तुम संसारिक चलमे चलनबारे साधारण आदमी जैसे ना भए हौ क ? \v 4 काहेकी एक "पावलको" और दुसरो "मए अपोल्लोसको" कहत हौ कहेसे, संसारिक आदमी जैसोनाए भए का? \v 5 अपोल्लोस का है? पावल का है? प्रभु सबके खटाए अनुसार सेवक इकल्लो हँए, बहेसे तुम विश्वास करे । \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 961b603..810d372 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -61,6 +61,7 @@ "02-12", "02-14", "03-title", + "03-01", "03-08", "04-title", "05-title",