From 5dc7887434ad6c2640f1d54ac03c51aa38d3a647 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 15:13:06 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 15:13:06 GMT+0545 (Nepal Time) --- 01/10.txt | 2 +- 01/12.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/01/10.txt b/01/10.txt index ea0b2af..7db16da 100644 --- a/01/10.txt +++ b/01/10.txt @@ -1 +1 @@ -\v 10 अब भैया तुम, हमर प्रभु येशू ख्रीष्टको नाउँमे मए तुमके अनुरोध करत हौँ, कि तुम सब एक- दुसरेसंग सहमत होबौ और तुमरे बिचमे कुछ चिजको फुट ना होबए । पर तुम एक मन और एकै विचारके होबओ । \v 11 काहेकी, मिर भैया रेओ, तुमरे बिचमे लडाई हए कही बात क्लोएका परिवारके मोके खबर दैहए । \ No newline at end of file +\v 10 अब भैया तुम, हमर प्रभु येशू ख्रीष्टको नाउँमे मए तुमके अनुरोध करत हौँ, कि तुम सब एक- दुसरेसंग सहमत होबौ और तुमरे बिचमे कुछ चिजको फुट ना होबए । पर तुम एक मन और एकै विचारके होबओ । \v 11 काहेकी, मिर भैया रेओ, तुमरे बिचमे लडाई हए कही बात क्लोएका परिवारके मोके खबर दैहँए । \ No newline at end of file diff --git a/01/12.txt b/01/12.txt index 9ca9cc0..abdc603 100644 --- a/01/12.txt +++ b/01/12.txt @@ -1 +1 @@ -\v 12 12 "मिर कहाई जहेहए, तुम कोइ, “मए पावलके,” कोइ ""मए अपोल्लोसको,” कोइ ""मए कैफासको"" और कोइ ""मए ख्रीष्टको हौ"" कहत हौ रे| " \v 13 13 का ख्रीष्ट बाँटो हए का? का पावल तुमके ताहिँ क्रूसमे टाँगो हए का? अथाव का पावलको नाउँमे तुम बाप्तिस्मा भव हए का? \ No newline at end of file +\v 12 "मिर कहाई जहेहए, तुम कोइ, “मए पावलके,” कोइ ""मए अपोल्लोसको,” कोइ ""मए कैफासको"" और कोइ ""मए ख्रीष्टको हौ"" कहत हौ रे । " \v 13 का ख्रीष्ट बाँटो हए? का पावल तुमके ताहिँ क्रूसमे टाँगो हए ? अथाव का पावलको नाउँमे तुम बाप्तिस्मा भव हए का? \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 09c7532..f14d1f9 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -41,6 +41,7 @@ "01-01", "01-04", "01-07", + "01-10", "05-09", "06-title", "06-01",