From 5d41aef08059d7d76dd4880475f238633d2e7970 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 16:26:58 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 16:26:57 GMT+0545 (Nepal Time) --- 11/27.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/11/27.txt b/11/27.txt index 76478e5..2dd130d 100644 --- a/11/27.txt +++ b/11/27.txt @@ -1 +1 @@ -\v 27 \v 28 27 जहेमारे जौन अयोग्य रितिसे प्रभुको रोटी खाए हए, कि प्रभुको कटोरामैसे पिहए, बो आदमी प्रभुको शरीर और रगतके अपवित्र तुल्याहे कहेसे दोषी ठहरैगो| 28 हरेक आदमी अपनके जाँचए, तव मात्र बो रोटी खाबै, और कटोरासे पिबै| \v 29 29 काहेकी प्रभु शरीरके नचिनके जौन खाएहे और पिहए बो खाओ और पिओ अपनउपर दण्ड \v 30 लाबैगो|30 जहेमारे तुमरमैसे गजब कमजोर और रुगहा हए, और कित्तो जनै सोइगए हए \ No newline at end of file +\v 27 27 जहेमारे जौन अयोग्य रितिसे प्रभुको रोटी खाए हए, कि प्रभुको कटोरामैसे पिहए, बो आदमी प्रभुको शरीर और रगतके अपवित्र तुल्याहे कहेसे दोषी ठहरैगो| \v 28 28 हरेक आदमी अपनके जाँचए, तव मात्र बो रोटी खाबै, और कटोरासे पिबै| \v 29 29 काहेकी प्रभु शरीरके नचिनके जौन खाएहे और पिहए बो खाओ और पिओ अपनउपर दण्ड \v 30 लाबैगो|30 जहेमारे तुमरमैसे गजब कमजोर और रुगहा हए, और कित्तो जनै सोइगए हए \ No newline at end of file