From 4e183b4b896092bd1f67eae8c082be43777cc9da Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 21:26:03 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 21:26:03 GMT+0545 (Nepal Time) --- 05/06.txt | 2 +- 05/09.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/05/06.txt b/05/06.txt index bac9b31..e624155 100644 --- a/05/06.txt +++ b/05/06.txt @@ -1 +1 @@ -\v 6 तुमर घमण्ड ठीक नैयाँ । थोरीकिना सोण जम्मै ढुक्लाके सोण बनाए देतहए कहिके का तुमके पात नैयाँ? \v 7 नयाँ ढुक्ला बनन् ताहिँ पुरानो सोणके निकार, काहेकी तुम वास्तवमे अखमिरी त हौ| हमर निस्तारके थुमा, ख्रीष्टको बलिदान हुइगओं हए । \v 8 जहेमरे हम पुरानो सोण के, अथवा कुकर्म और दुष्टताको सोणसे नाए पर निस्कपट और सत्यताको अखमिरी रोटीसे तिउहार मनामै । \ No newline at end of file +\v 6 तुमर घमण्ड ठीक नैयाँ । थोरीकिना सोण जम्मै ढुक्लाके सोण बनाए देतहए कहिके का तुमके पात नैयाँ? \v 7 नयाँ ढुक्ला बनन् ताहिँ पुरानो सोणके निकार, काहेकी तुम वास्तवमे अखमिरी त हौ । हमर निस्तारके थुमा, ख्रीष्टको बलिदान हुइगओं हए । \v 8 जहेमरे हम पुरानो सोण के, अथवा कुकर्म और दुष्टताको सोणसे नाए पर निस्कपट और सत्यताको अखमिरी रोटीसे तिउहार मनामै । \ No newline at end of file diff --git a/05/09.txt b/05/09.txt index ef53d50..0a59283 100644 --- a/05/09.txt +++ b/05/09.txt @@ -1 +1 @@ -\v 9 9 मए मिर पत्रमे तुमके ताहिँ व्यभिचारको संगत मतकरीओ काहिके लिखो रहौँ । \v 10 10 बाको अर्थ, जा संसारके व्यभिचारी, लोभी, अथवा लुटहा, और मूर्तिपूजक संग बीलकुल सङ्गत मतकरिओं काहिके न कहो हऔ, नत तुमके संसारसे निकर पड्जएहय । \ No newline at end of file +\v 9 मए मिर पत्रमे तुमके ताहिँ व्यभिचारको संगत मतकरीओ काहिके लिखो रहौँ । \v 10 बाको अर्थ, जा संसारके व्यभिचारी, लोभी, अथवा लुटहा, और मूर्तिपूजक संग बीलकुल सङ्गत मतकरिओं काहिके न कहो हऔ, नत तुमके संसारसे निकर पड्जएहय । \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 28a3c63..a362332 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -85,6 +85,7 @@ "05-title", "05-01", "05-03", + "05-06", "06-title", "07-title", "09-title",