From 37e30d785989b8799452fa9f38f3457beea5cfad Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 15:50:10 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 15:50:09 GMT+0545 (Nepal Time) --- 06/16.txt | 2 +- 06/18.txt | 2 +- 07/01.txt | 2 +- 07/03.txt | 2 +- 07/05.txt | 2 +- 07/08.txt | 2 +- 07/10.txt | 2 +- 07/title.txt | 1 + manifest.json | 2 +- 9 files changed, 9 insertions(+), 8 deletions(-) create mode 100644 07/title.txt diff --git a/06/16.txt b/06/16.txt index 38bba1d..9403d98 100644 --- a/06/16.txt +++ b/06/16.txt @@ -1 +1 @@ -\v 16 \v 17 16 वेश्यासंग जुडनबालो आदमी शरीरमे बोकेसंग एक होतहए कहीभइ बातका तुम के पतानैयाँ ? काहेकी अइसो लिखो हए, “बे दुने एक शरीर होमंगे ।” 17 पर जो प्रभुसंग एक हए, बो बाकेसंग आत्मामे एक हुइहए । \ No newline at end of file +\v 16 16 वेश्यासंग जुडनबालो आदमी शरीरमे बोकेसंग एक होतहए कहीभइ बातका तुम के पतानैयाँ ? काहेकी अइसो लिखो हए, “बे दुने एक शरीर होमंगे ।” \v 17 17 पर जो प्रभुसंग एक हए, बो बाकेसंग आत्मामे एक हुइहए । \ No newline at end of file diff --git a/06/18.txt b/06/18.txt index 334b39f..b6f7372 100644 --- a/06/18.txt +++ b/06/18.txt @@ -1 +1 @@ -\v 18 18 व्यभिचारसे अलग बैठऔ । और जौन फिर पाप बो आदमी कहतहए, बो शरीरसे बाहिर होतहए, पर व्यभिचार करनबाले आदमी अपन शरीरके विरुध्दमे पाप करतहँए । \ No newline at end of file +\v 18 व्यभिचारसे अलग बैठऔ । और जौन फिर पाप बो आदमी कहतहए, बो शरीरसे बाहिर होतहए, पर व्यभिचार करनबाले आदमी अपन शरीरके विरुध्दमे पाप करतहँए । \ No newline at end of file diff --git a/07/01.txt b/07/01.txt index 6b5646b..e3ca190 100644 --- a/07/01.txt +++ b/07/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 7 \v 1 \v 2 1 अब तुम लिखो बातके बिषयमे देखाओ पुरुष बेहा नाकरन आसल हए 2पर व्यभिचार के बारे मे परीक्षा गजब हँए कहेसे हर आदमीक अपनी बैयर होबए और हर स्त्रीको फिर अपनी लोगा होबए । \ No newline at end of file +\c 7 \v 1 1 अब तुम लिखो बातके बिषयमे देखाओ पुरुष बेहा नाकरन आसल हए \v 2 2पर व्यभिचार के बारे मे परीक्षा गजब हँए कहेसे हर आदमीक अपनी बैयर होबए और हर स्त्रीको फिर अपनी लोगा होबए । \ No newline at end of file diff --git a/07/03.txt b/07/03.txt index 55fdd29..4115eb2 100644 --- a/07/03.txt +++ b/07/03.txt @@ -1 +1 @@ -\v 3 \v 4 3 पति अपनी बैयरके बैबाहिक हक देबए और आइसीय त बैयर फिर अपन लोगाके । 4 बैयर अपनो शरीरउपर अधिकार ना धरहए, पर बाको लोगा धरहे । अइसी लोगा फिर अपन शरीरउपर अधिकार ना धरए, पर बोक बैयर धरहे। \ No newline at end of file +\v 3 3 पति अपनी बैयरके बैबाहिक हक देबए और आइसीय त बैयर फिर अपन लोगाके । \v 4 4 बैयर अपनो शरीरउपर अधिकार ना धरहए, पर बाको लोगा धरहे । अइसी लोगा फिर अपन शरीरउपर अधिकार ना धरए, पर बोक बैयर धरहे। \ No newline at end of file diff --git a/07/05.txt b/07/05.txt index bd9a559..41793e6 100644 --- a/07/05.txt +++ b/07/05.txt @@ -1 +1 @@ -\v 5 \v 6 \v 7 5 लोगा बैयर अपन पारस्परिक सम्बन्धके एक दुसरेके इन्कार ना करए| इन्कार करहे कहेसे फिर आपसमे सल्लाह करके कुछ समयके ताँही मात्र, ताकि तुम प्रार्थनामे लगो रहन सिक| तव फिर एकसंग बैठए,ताकि आत्मासंयमको अभावके कारण शौतान तुमके परीक्षामे ना पाडए| 6 जा मए तुमके आज्ञाके रुपमे नाए, पर अनुमतिके रुपमे कहतहओ| 7 सब आदमी मए जैसो देखन मए इच्छा करत हओ| पर सबके परमेश्वरसे विशेष वरदान मिलोहए,एकके एक किसिमको दुसरेके दुसरो किसिमको| \ No newline at end of file +\v 5 5 लोगा बैयर अपन पारस्परिक सम्बन्धके एक दुसरेके इन्कार ना करए| इन्कार करहे कहेसे फिर आपसमे सल्लाह करके कुछ समयके ताँही मात्र, ताकि तुम प्रार्थनामे लगो रहन सिक| तव फिर एकसंग बैठए,ताकि आत्मासंयमको अभावके कारण शौतान तुमके परीक्षामे ना पाडए| \v 6 6 जा मए तुमके आज्ञाके रुपमे नाए, पर अनुमतिके रुपमे कहतहओ| \v 7 7 सब आदमी मए जैसो देखन मए इच्छा करत हओ| पर सबके परमेश्वरसे विशेष वरदान मिलोहए,एकके एक किसिमको दुसरेके दुसरो किसिमको| \ No newline at end of file diff --git a/07/08.txt b/07/08.txt index fb16e57..9cb394f 100644 --- a/07/08.txt +++ b/07/08.txt @@ -1 +1 @@ -\v 8 \v 9 8 पर आविवाहीत और विधावाके मए कहतहओ, तुम मोए जैसो आविवाहीत रहिओ बिनके ताँहीं अच्छो हुइहए| 9 पर बे अपनाके वशमे ना रखपत हँए तव बेविहा करएँ| काहेकी अपन शरीरको अङ्गके जल्नसे विहा करन अच्छो हए| \ No newline at end of file +\v 8 8 पर आविवाहीत और विधावाके मए कहतहओ, तुम मोए जैसो आविवाहीत रहिओ बिनके ताँहीं अच्छो हुइहए| \v 9 9 पर बे अपनाके वशमे ना रखपत हँए तव बेविहा करएँ| काहेकी अपन शरीरको अङ्गके जल्नसे विहा करन अच्छो हए| \ No newline at end of file diff --git a/07/10.txt b/07/10.txt index e754bae..4888ccc 100644 --- a/07/10.txt +++ b/07/10.txt @@ -1 +1 @@ -\v 10 \v 11 10 अब विवाहीतके मए कडा आज्ञा देङगो (मिर आज्ञा ना हए, पर प्रभूको आज्ञा हए)| 11 पर छुटके बैठेसे फिर बो विहा नाकरए, बरु अपनो लोगासे मिलाप करए| लोगा अपनी बैयरके ना छोडए| \ No newline at end of file +\v 10 10 अब विवाहीतके मए कडा आज्ञा देङगो (मिर आज्ञा ना हए, पर प्रभूको आज्ञा हए)| \v 11 11 पर छुटके बैठेसे फिर बो विहा नाकरए, बरु अपनो लोगासे मिलाप करए| लोगा अपनी बैयरके ना छोडए| \ No newline at end of file diff --git a/07/title.txt b/07/title.txt new file mode 100644 index 0000000..d1c58b1 --- /dev/null +++ b/07/title.txt @@ -0,0 +1 @@ +आध्याय ७ \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 1aac08c..d1b3ee5 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -58,7 +58,7 @@ "04-title", "05-title", "06-title", - "06-18", + "07-title", "11-title", "12-title", "13-title",