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\v 14 काहेकी शरीर एकै अङगसे मात्र नाए पर बेढम अङगसे बनो होतहए । \v 15 "अगर टाङग "मए हात नैयाँ, जहेमारे मए शरीरको अङग नैयाँ" कैहए कहेसे, का बो शरीरको अङग ना हुईहे ?" \v 16 "और कान ""मए आँखी नैयाँ, जहेमारे मए शरीरको अङग नैयाँ "" कैहए कहेसे, बो शरीरको अङग नाए हए का ? " \v 17 अगर जम्मै शरीर आँखी हुइहे त सुनहे कहाँसे? अगर जम्मै शरीर कान हुइहे त सुँघंगे कहाँसे ?