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\v 9 (९) अंन मय ईज प्रार्थना करु संइ का तुमनी प्रेम,ज्ञान,अंन बटी प्रकार नी विवेक संमद अंन बडती जाय। \p \v 10 (१०) यरा सुधी का तुमु सारा थी सारा गोटस ला प्रिय जानत अंन मसीह ना दिन सुधी सच्ची बनीन रवा अंन ढोकर ना खासा। \p \v 11 (११)अंन ती धामीकता नी फल थी जो यीशु मसीह नी वजय थी हीनी (यशा १५:८) |