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\v 6 \v 7 6-इसलिए नानी तीतुस को समझाव्वा कि जैसे पइलो आरम्भ खय्या आंदल ही नंग के बिच के दान के काम को पूरो खयरी | 7-इसलिए हर बतकाव या अर्थात विश्वास वचन अवरी ज्ञान अवरी जम्मा प्रकार के कोशिश या अवरी आइ प्रेमया जो नानी से रख्व स्यारे अवरी वढ़ढ़ों स्यारे आंदल ही अई कामया बढ़ढोत गा हारे | |