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\c 10 \v 1 ना आई पौलुस जो नानिला के सामने चुय्चे गुआ परन्तु पहिमेन ननी अवरी साहस घय हारे नंग को मसीहा की नम्रता अवरी कोमलता के सम्मोझो री | \v 2 ना अई विनती घयेरे की नंगे सामने ना निडर हीत वारी हिम्मत हा खय पव्वरी जैसे न घयनु पर जोनानी के हेरे के अनुसारे हा हारे समझते वाई ओवरी वीरता दिखाव खानी विचार खयनी |