From bd0437acc21dc26cb8e58f16c06d6af87dce113c Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: UGM Date: Mon, 31 Jul 2017 14:12:08 +0530 Subject: [PATCH] Mon Jul 31 2017 14:12:07 GMT+0530 (India Standard Time) --- 02/16.txt | 2 +- 03/01.txt | 1 + 03/04.txt | 1 + 03/07.txt | 1 + 03/title.txt | 1 + manifest.json | 4 +++- 6 files changed, 8 insertions(+), 2 deletions(-) create mode 100644 03/01.txt create mode 100644 03/04.txt create mode 100644 03/07.txt create mode 100644 03/title.txt diff --git a/02/16.txt b/02/16.txt index a03bafd..44b531b 100644 --- a/02/16.txt +++ b/02/16.txt @@ -1 +1 @@ -\v 16 16-घयनु खानी तो सी खानी निश्चित मृत्यु की घान्दे घयनू खानी जीवन की निमित जीवन की खुशबु अवरी अई बतकाव के योग्य हु वाह | \v 17 17-क्योंकि नानी आइला के समान हा गू बाई जो परिमेश्वर के वचन या मिलावट खयरे परन्तु मनोव के निक्को से अवरी परिमेश्वर के बढाई से परिमेश्वर को उपस्थित में देहोवत वारी मसीहा में हा हा हारे | \ No newline at end of file +\v 16 घयनु खानी तो सी खानी निश्चित मृत्यु की घान्दे घयनू खानी जीवन की निमित जीवन की खुशबु अवरी अई बतकाव के योग्य हु वाह | \v 17 क्योंकि नानी आइला के समान हा गू बाई जो परिमेश्वर के वचन या मिलावट खयरे परन्तु मनोव के निक्को से अवरी परिमेश्वर के बढाई से परिमेश्वर को उपस्थित में देहोवत वारी मसीहा में हा हा हारे | \ No newline at end of file diff --git a/03/01.txt b/03/01.txt new file mode 100644 index 0000000..c8a1b47 --- /dev/null +++ b/03/01.txt @@ -0,0 +1 @@ +\c 3 \v 1 \v 2 \v 3 1.क्या नानी फिर पानके बड़ाई घय हारे ,या नानी के घयनु समान के सिफारिश के कितबला ,या ननिला पास बीते को वाह या ननी दी कतेको वा | 2.नानी के किताबें ननी ही जुस्सा ,सो नानी के ह्रदय में लिख्खो तरया वा|अवरी आई जम्मा मंछ पहचानते है अवरी पढ़ढो हारे | 3.अई प्रगट बाकी नग़ मसीह की पत्री जुस्सा जी के नानी सेवके के समान लिख्खवा अवरी जो सियाही से हा हा ,परन्तु जिन्दा परमेश्वर के आत्मा से धुन्गे की पटरी पर हा हा परन्तु हृदय की मांस रूपी पटरी पर लिख्खो तरया वा | \ No newline at end of file diff --git a/03/04.txt b/03/04.txt new file mode 100644 index 0000000..742353d --- /dev/null +++ b/03/04.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 4 \v 5 \v 6 4.नानी मसीह के दुआरा परमेश्वर पर इन्दल ही भरोसा रख्खो हारे | 5.अई हा हा ,की नानी पानके से पानके अई योग्य वाई ,की पानके अवरी से को बतकाब या विचार घय सक्को रे |पर नानी के योग्यता परमेश्वर की अवरी से वाई | 6.जोई नानी नई वाचा के सेवक ही खानी हा हा वरन ,आत्मा जिन्दा खयेरे | \ No newline at end of file diff --git a/03/07.txt b/03/07.txt new file mode 100644 index 0000000..3c13233 --- /dev/null +++ b/03/07.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 7 \v 8 7.अवरी यदि मृत्यु की अई वाचा जो के अक्षर धुन्ग पर खोजव गये थे ,अई तक की तेज हिय्ये ,की मूसा के मंग पय जो तेज के कारणों कम ही हारे, इस्राएल आइके मंग हा दोब्बो स्याकोरे | 8.तो आत्मा के वाचा अवरी की तेज कना हिरी | \ No newline at end of file diff --git a/03/title.txt b/03/title.txt new file mode 100644 index 0000000..652ffa0 --- /dev/null +++ b/03/title.txt @@ -0,0 +1 @@ +पाठ - 3 \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 4f434e4..b39de88 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -56,6 +56,8 @@ "02-08", "02-10", "02-12", - "02-14" + "02-14", + "02-16", + "03-title" ] } \ No newline at end of file