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\v 14 \v 16 14.परन्तु आईला के दिमाक बंद हिय्ये ,कियोंकि आज तक्के पुरानो नियमला के पढ़व समय्या के आईला के ह्रदयों पर आई पर्दा पव्व हारो |पर मसीह में हईरे | \v 15 15.अवरी आज तक्के जबलय मूसा की पुस्तकें पढ़वारी तो आइके ह्रदय या पर्दा पडडो हारे| 16.परन्तु जब आइक ह्रदय प्रभु के अवरी से फिरेगा ,तब आई पर्दा हईरी |
\v 14 परन्तु आईला के दिमाक बंद हिय्ये ,कियोंकि आज तक्के पुरानो नियमला के पढ़व समय्या के आईला के ह्रदयों पर आई पर्दा पव्व हारो |पर मसीह में हईरे | \v 15 अवरी आज तक्के जबलय मूसा की पुस्तकें पढ़वारी तो आइके ह्रदय या पर्दा पडडो हारे| \v 16 परन्तु जब आइक ह्रदय प्रभु के अवरी से फिरेगा ,तब आई पर्दा हईरी |

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\v 17 \v 18 17.प्रभु आत्मा तो ही अवरी जहालय प्रभु के आत्मा वाई आई या आजाद वाही | 18.परन्तु जब्बे नानी जम्मा के हा ढक्को तरया से प्रभु प्रताप अई तरह प्रकट ही हारे |जो प्रकारे शीसाया तो प्रभु के दुआरा जो आत्मा नानी आई तेजस्वी रूप में अंश अंश के बदलते गा हारे |
\v 17 प्रभु आत्मा तो ही अवरी जहालय प्रभु के आत्मा वाई आई या आजाद वाही | परन्तु जब्बे नानी जम्मा के हा ढक्को तरया से प्रभु प्रताप अई तरह प्रकट ही हारे | \v 18 जो प्रकारे शीसाया तो प्रभु के दुआरा जो आत्मा नानी आई तेजस्वी रूप में अंश अंश के बदलते गा हारे |

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पाठ - 4

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