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\v 11 11.ना मुर्ख ता हिय्ये ,परन्तु नई ना अई जबरजस्त जिगाब वाये नानिला तो नाके तारीफ घय चाहिय्यो ,क्योंकि यधपिया दाहन्ना ,तौभी आई वईना प्रेरितों से कम हा गुआ \v 12 12.प्रेरितों के लक्षण भी ननी के बीच जम्मा प्रकार धीरज के संगे ,अवरी अद्भुत कमला अवरी शक्ति के कामों के दिख्व्वा | \v 13 ननी कोई बतकाब में अवरी कलीसिया से कम वाई केवल अय्या की नाई नंग पर पानके बोझ हा था ,नाके अई अन्याय क्षमा खय ,
\v 11 ना मुर्ख ता हिय्ये ,परन्तु नई ना अई जबरजस्त जिगाब वाये नानिला तो नाके तारीफ घय चाहिय्यो ,क्योंकि यधपिया दाहन्ना ,तौभी आई वईना प्रेरितों से कम हा गुआ \v 12 प्रेरितों के लक्षण भी ननी के बीच जम्मा प्रकार धीरज के संगे ,अवरी अद्भुत कमला अवरी शक्ति के कामों के दिख्व्वा | \v 13 ननी कोई बतकाब में अवरी कलीसिया से कम वाई केवल अय्या की नाई नंग पर पानके बोझ हा था ,नाके अई अन्याय क्षमा खय ,

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\v 14 \v 15 14.दब्बो ना नंगे पास तहरो बार वी खानी गुआ अवरी ना नंग पास कोई हा थारिवा वरन ना ननिला ही चाहो हारे क्योंकि गेंदा को बाबू और मम्मी खानी रुप्पा हा बटोला चाहिय्यो |पर मम्मी -बाबू बटोलो चाहिय्यो| 15.ना नंगे आत्मा खानी झिक्क आनन्द से खर्च खयरीव ,वरन लय खर्च जिघयरीव,क्योंकि न जितना बढ़ढ़ोत वारी न नंग से ना प्रेम रखव हारे ,आँचल ही नंगे घटकर प्रेम जिघयरी
\v 14 दब्बो ना नंगे पास तहरो बार वी खानी गुआ अवरी ना नंग पास कोई हा थारिवा वरन ना ननिला ही चाहो हारे क्योंकि गेंदा को बाबू और मम्मी खानी रुप्पा हा बटोला चाहिय्यो |पर मम्मी -बाबू बटोलो चाहिय्यो| \v 15 ना नंगे आत्मा खानी झिक्क आनन्द से खर्च खयरीव ,वरन लय खर्च जिघयरीव,क्योंकि न जितना बढ़ढ़ोत वारी न नंग से ना प्रेम रखव हारे ,आँचल ही नंगे घटकर प्रेम जिघयरी

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\v 16 \v 17 \v 18 16.इंद ही सक्कोरे ,की ना नंगे पर बोझ हा हा डालरीव ,परन्तु चतुराई से नंग धोखा जिब्ये | 17.भला की जो नाई नंगे पास भेज्ज्व्वा क्या आईला में से कोइला के धेरेया छल खाईत वारी ननि दी कुछ कता | 18.नाई तीतुस को समझात वारी आइके हटाई आई भव्वा को भेजवा क्या तीतुस ने नंगे या छल खयत वारी कुछ कता क्या नानी डाल ही आत्मा |क्या डाल ही बतकाब या हा वारी|
\v 16 इंद ही सक्कोरे ,की ना नंगे पर बोझ हा हा डालरीव ,परन्तु चतुराई से नंग धोखा जिब्ये | \v 17 भला की जो नाई नंगे पास भेज्ज्व्वा क्या आईला में से कोइला के धेरेया छल खाईत वारी ननि दी कुछ कता | \v 18 नाई तीतुस को समझात वारी आइके हटाई आई भव्वा को भेजवा क्या तीतुस ने नंगे या छल खयत वारी कुछ कता क्या नानी डाल ही आत्मा |क्या डाल ही बतकाब या हा वारी|

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\v 19 19.ननी अभी तक्के समझो स्यारी नानी नंगे सामने प्रत्युत्तर के ,नानी तो परमेश्वर को उपस्थित जन्नोत वारी मसीह या हा हा हारे अवरी प्रियो ,अवरी जम्मा बतकाब नानिके उन्नति खानी घए हारे |
\v 19 ननी अभी तक्के समझो स्यारी नानी नंगे सामने प्रत्युत्तर के ,नानी तो परमेश्वर को उपस्थित जन्नोत वारी मसीह या हा हा हारे अवरी प्रियो ,अवरी जम्मा बतकाब नानिके उन्नति खानी घए हारे |

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"12-08"
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"12-11",
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