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\v 16 \v 17 \v 18 16.ना आजी लय ननी घय हारे हाय ने मुर्ख नगता ही समझेत मेरी साहे कातेनी इतुड़े लय घमण्ड अनुसारे हिरी | 17.अय बेघ डक के घमण्ड से सा का में नोहो में घयुरे की आज्ञा के अनुसारे मानो नंग मुर्खता से हों | 18.जब की बांवेते मंछ्ला हैर के अनुसारे घमण्ड खयेरे |

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\v 19 \v 20 \v 21 19.ननी तो समझदार जुसाई आनन्द मटाई मुर्ख के सहे कतय येरे | 20.कोइला जब ननी दाह जीवनाईयेरे या जी ज येरे ननी फ़साव सारे या पानिके बाढ़ा येरे पानिके मगय थप्पड़ सांनूय थाव का पय | 21.नाक घयको की अनादर की रीति या हों परन्तु की निर्बल से आयला हिं परन्तु जो बतकाब या कोई हियाब खयेरे से घयुरे तोभी हियाव खयेरे |

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\v 22 \v 23 22.क्या वे हिं इबानी होंना लय ता हिं इसलिय होना अब्राम के वशा है नालयवा हिं | 23.क्या वे हिं मसीह के सेवक हिं ए पागले की नाई आय लाई बढ़ करे अधिके परिश्रम खयेरे बार बार हिरे कोड़े जाके बार बार मतय जोखीय |

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\v 24 \v 25 \v 26 24.पंगा बार में वाई यहूदियों के हाकव या उनतालिस उन्तालिस कोड़े जाहे | 25.हूँ बाद बेतखाई डा बार जहादे जो पाँ फोए आय पतगाह करो नाई जोया ना चढ़ावो येरे आय ता गाडिये ये डा गायेरे देग या पय सुमुंद्र काढा हों | 26.ना डा यात्रवो में गाड़ के जोखिमाऊ के डाकुओं जातिवाल के जोखिम अन्यजाति से जोखिम या मांनम के जोखिम ओवरी सुमुंद्र के जोखिमाऊ ही झूंठी ता भव्वाला के संग या जोखिम बिहारे

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\v 27 \v 28 \v 29 27.नानी परिश्रम बार बार जागोयेरे चाये भूख की चाहे पास हिं उघाड़े येरे | 28.ओवरी अन्य बतकाब घयना कलिसिया की चीता रोज ता खय ना डाबयेरे | 29.कोई के निर्बल हा हिरे कोए ठोकर नाक हाँ हम टैयेरे |

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\v 30 \v 31 30.यदि नंग घमण्ड ता खय निर्बलता बतकाब घयेरे| 31.नानी प्रभु के परमेश्वर ओवरी पिता जो ननी सदा धन्य रे हा सिना |

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32.दश्मिक में अरिता राजा के ओवरी बटाई जी हाकी में है आई या नगर या पहरों सांय गुहा | 33.ओवरी ठोकर खिड़की की कै भितोरी दी ओवरी उतरवे आयके हाकव गई बेचवा |