Mon Jul 31 2017 15:44:50 GMT+0530 (India Standard Time)
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902fa7368f
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\v 2 \v 4 2. जो नानी हृदया या जगा बेस्याइरे कोयला अन्यां कोयला के विमडो वे ओवरी होहीरी कोयला ठगा सी | 3. \v 3 नानी ननि के दोष ठहरायेरे के लिए अय हा घयरे पर कोयला चका हीरे नानी हृदया इन्द बेठा सी ननि माटाइ सि खानी अवरी जीको खानी तय्यार गुहा | 4.ना ननि भोते हियाव के संग य बुलाव हारे ना बयाना घमंडा शांति बेरी दी भरो ये पानीके क्लेश या आनन्द से भरपूर रेहोरी |
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\v 2 जो नानी हृदया या जगा बेस्याइरे कोयला अन्यां कोयला के विमडो वे ओवरी होहीरी कोयला ठगा सी | \v 3 नानी ननि के दोष ठहरायेरे के लिए अय हा घयरे पर कोयला चका हीरे नानी हृदया इन्द बेठा सी ननि माटाइ सि खानी अवरी जीको खानी तय्यार गुहा | \v 4 ना ननि भोते हियाव के संग य बुलाव हारे ना बयाना घमंडा शांति बेरी दी भरो ये पानीके क्लेश या आनन्द से भरपूर रेहोरी |
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\v 5 \v 6 \v 7 5.कोयला जब नानी मकिदुनिया में बी गुहासी ओवरी नाक चेन हा मिला परन्तु चारे लय हा घरासी ओवरी कलेश पायोरे बाहरी लड़ाया थी भीतोरी भयंकर बत्काव ही हारे | 6.तभी ननीला शांति जिबेसी नानी परमेस्वर तीतुस बिय बाटाया नानी शांति जिबेसी | 7.ओवरी नानी केवल आयके से परन्तु आय्की शांति से भि आयलाक मिलोरी ओवरी आयलाई लालसा ओवरी ननिक दुःख ओवरी धुन के समाचार सुनायेरे जो दी नानी आनन्द मिलोरी |
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\v 5 कोयला जब नानी मकिदुनिया में बी गुहासी ओवरी नाक चेन हा मिला परन्तु चारे लय हा घरासी ओवरी कलेश पायोरे बाहरी लड़ाया थी भीतोरी भयंकर बत्काव ही हारे | \v 6 तभी ननीला शांति जिबेसी नानी परमेस्वर तीतुस बिय बाटाया नानी शांति जिबेसी | \v 7 ओवरी नानी केवल आयके से परन्तु आय्की शांति से भि आयलाक मिलोरी ओवरी आयलाई लालसा ओवरी ननिक दुःख ओवरी धुन के समाचार सुनायेरे जो दी नानी आनन्द मिलोरी |
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\v 8 \v 9 \v 10 8.कोयला यद्यपि ने पानीके पुत्री सेकीत खया हे परन्तु पूछता ही परन्तु आय निक्को ही | 9.अवनानी आनन्दित ही गुहारे हा हा ना पहुचे हारे बरन असेक मन नानी के बत्काव या घ्यरे | 10.कोयला नानी के परमेस्वर के भक्ति शोक इन्द प्सचातु उत्पन्न हीरे जो के परिणाम उद्धार हीरे ओवरी पूछताछ हीरे नही प्डोव रे संसारी शोक मिर्त्यु उत्पन्न हिरी |
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\v 8 कोयला यद्यपि ने पानीके पुत्री सेकीत खया हे परन्तु पूछता ही परन्तु आय निक्को ही | \v 9 अवनानी आनन्दित ही गुहारे हा हा ना पहुचे हारे बरन असेक मन नानी के बत्काव या घ्यरे | \v 10 कोयला नानी के परमेस्वर के भक्ति शोक इन्द प्सचातु उत्पन्न हीरे जो के परिणाम उद्धार हीरे ओवरी पूछताछ हीरे नही प्डोव रे संसारी शोक मिर्त्यु उत्पन्न हिरी |
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