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\v 16 \v 17 \v 18 16.अय खानी ना ओवोयेरे यदापि नानी के बाहरे महत्त्वपूर्ण ओवरी नाश भी हिरे तो भी नानी के भीतरी मनुष्य रोजल प्रतिदिन हिरी | 17.कोयला नानीक हथका सताव बोते लिए महत्व पूर्ण ओवरी महिमा उत्पन्न घय हारे | 18.ओवरी नानिला द्बों सारे वस्तुएं परन्तु अनोखा वस्तु चिचेपा सारे वस्तुनिको दी दिन या परन्तु अनदेखी वस्तुला सदा बनो हारे |