\v 39 त हे भाईयो भाविशवानी करे के धुन मा रहा और अन्न भाषा के बोले के धुन में रहा ओर मना न करे। \v 40 पर सब बात शालीनता अउर ब्यावाश्थित रूप से करा जाये