\v 5 अउर जवन स्त्री बिना सिर ढाके प्राथना या भाविस्यवानी करत हय अउर अपने सिर कय अपमान करत हय। \v 6 अगर ओरत ओढ़नी न ओढ़े बार कटवाय लिये अउर ओरत बार कटावे न चाहे तव मुंडन करावे तव सरम कय बात बाटे।