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\c 8 \v 1 अब मूर्ति के सामने चड़ाव प्रसाद के बारे मा हम जानी थय, की ज्ञान घमण्ड पैईदा करा थय लकिन प्रेम उन्नती पैदा करा थय | \v 2 अगर केहू समझय की हम कुछ जानी थय,तव जेस जानय का चाही वस नाही जानत | \v 3 लकिन अगर केहू परमेश्वर से प्यार करा थय तव परमेश्वर वाका पाहिचानाथय |