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\v 19 क तू नहीं जनतेव की तोहर शरीर पवित्र आत्मा कय मन्दिर हुअय | जवन तोहरे अन्दर म बसा बाय अउर परमेश्वर के तरफ से तुह्य मिला बाय ,अउर तू आपन न हुवव ? \v 20 काहेसे दाम दईकय ख़रीदा गय हयो , यही से आपने शरीर से परमेश्वर कय महिमा करव |