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प्रभु भोज
परिभाषा:
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“प्रभु भोज” प्रेरित पौलुस इस उक्ति को फसह के भोज के लिए काम में लेता है जो यीशु ने अपने शिष्यों के साथ उस रात खाया था जब यहूदी अगुओं ने उसे बन्दी बनाया था।
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इस भोजन के समय यीशु ने फसह की रोटी को तोड़कर अपनी देह से कहा जो शीघ्र ही प्रताड़ित की जाएगी और मार डाली जायेगी।
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दाखरस के कटोरे को उसने अपना लहू कहा जो शीघ्र ही बहाया जायेगा जब वह पापबलि होकर मरेगा।
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यीशु ने आज्ञा दी थी कि उसके शिष्य जब भी इस भोज में सहभागी हों तब वे उसकी मृत्यु और पुनरूत्थान को सदैव स्मरण करें।
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कुरिन्थियों की कलीसिया को लिखे पत्र में प्रेरित पौलुस ने मसीह के विश्वासियों के लिए इस भोज को एक नियमित अभ्यास बना दिया था।
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आज कलीसियाएं प्रभु भोज के लिए “सहभागिता” उक्ति का उपयोग करती हैं। “अन्तिम भोज” उक्ति का भी कभी-कभी उपयोग किया जाता है।
अनुवाद के लिए सुझाव:
- इस उक्ति का अनुवाद “प्रभु का भोजन” या “हमारे प्रभु यीशु का भोजन” या “प्रभु यीशु को स्मरण करने का भोजन” भी कहा जा सकता है।
(यह भी देखें: फसह)
बाइबल सन्दर्भ:
शब्द तथ्य:
- Strong's: G1173, G2960