# कुण्ड, कुएँ' हौद ## परिभाषा: “कुआँ” और “हौद” बाइबल के युग में पानी के दो स्रोत थे। * कुआँ भूमि में खोदकर बनाया जाता था कि भूगर्भ का पानी वहाँ एकत्र हो जाए। * हौद भी भूमि में चट्टान खोदकर बनाया जाता था परन्तु वह वर्षा का पानी एकत्र करने के लिए था। * हौद अधिकतर चट्टानों को काटकर बनाए जाते थे और लेप लगाकर जलरोधक बनाए जाते थे कि उनमें पानी सुरक्षित रहे। “टूटा हुआ हौद” में लेप फट जाता था और उसमें एकत्र पानी बह जाता था। * हौद अक्सर लोगों के घरों के आंगन में स्थित होते है जहाँ छत से बहा हुआ बारिश का पानी संग्रहित होता था। * कुएँ ऐसी जगह स्थित होते थे जहाँ से अनेक परिवारों या पूरे समुदाय द्वारा पहुंचा जा सके। * पानी मनुष्यों और पशुओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है इसलिए कुएँ के उपयोग का अधिकार कलह और झगड़ों का कारण होता था। * कुआँ और हौद दोनों ही को बड़े पत्थर से ढांक दिया जाता था कि उसमें कुछ न गिरे। कुएँ से पानी खींचने के लिए बाल्टी में रस्सी बांधकर पानी निकाला जाता था। * कभी-कभी सूखा हौद किसी को बन्दी बनाने के लिए काम में आता था जैसा यूसुफ और यिर्मयाह के साथ किया गया था। ## अनुवाद के सुझाव: * कुएँ का अनुवाद हो सकता है, “गहरा जल कूप” “पानी के स्रोत का गहरा गड्ढा” या “पानी निकालने का गहरा गड्ढा।" * “हौद” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “पत्थर का जलाशय” या “पानी के लिए गहरा संकीर्ण छिद्र” या “पानी एकत्र करने का भूमिगत जलाशय” * ये शब्द अर्थ में समान है। इन दोनों में जो अन्तर है वह है कि कुएँ में पानी भूगर्भ से निकलता है और हौद में पानी वर्षा का होता है। (यह भी देखें: [यिर्मयाह](../names/jeremiah.md), [बन्दीगृह](../other/prison.md), [कलह](../other/strife.md)) ## बाइबल सन्दर्भ: * [1 इतिहास 11:17](rc://hi/tn/help/1ch/11/17 ) * [2 शमूएल 17:17-18](rc://hi/tn/help/2sa/17/17) * [उत्पत्ति 16:14](rc://hi/tn/help/gen/16/14) * [लूका 14:4-6](rc://hi/tn/help/luk/14/04) * [गिनती 20:17](rc://hi/tn/help/num/20/17) ## शब्द तथ्य: * स्ट्रोंग्स: H0875, H0883, H0953, H1360, H4599, H4726, H4841, G40770, G54210