# शब्द, स्वर # ## परिभाषा: ## “शब्द” का उपयोग प्रायः बोलने या विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए किया गया है। * परमेश्वर अपने शब्द को कहता है यद्यपि उसका शब्द मनुष्य जैसी नहीं है। * शब्द संपूर्ण मनुष्य का संदर्भ देती है जैसे “जंगल में एक पुकारने वाले का शब्द सुनाई देता है, प्रभु का मार्ग तैयार करो।” इसका अनुवाद हो सकता है, “जंगल में एक मनुष्य की पुकार सुनी जाती है”। (देखें: [उपलक्षण](rc://en/ta/man/translate/figs-synecdoche)) * “किसी की वाणी सुनना” अर्थात “किसी को बोलते सुनना”। कभी कभी "शब्द" का प्रयोग ऐसी वस्तुओं के लिए भी किया गया है जो बोल नहीं सकती, जैसे दाऊद लिखता है कि परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि उसके कामों का वर्णन करती है, अर्थात् उनके शब्द उनकी महानता की घोषणा करती है। इसका अनुवाद हो सकता हैः "उनकी गरिमा परमेश्वर की महिमा का वर्णन कर रही है।" (यह भी देखें: [बुलाहट](../kt/call.md), [प्रचार करना](../other/proclaim.md), [वैभव](../other/splendor.md)) ## बाइबल सन्दर्भ: ## * [यूहन्ना 05:36-38](rc://en/tn/help/jhn/05/36) * [लूका 01:42-45](rc://en/tn/help/luk/01/42) * [लूका 09:34-36](rc://en/tn/help/luk/09/34) * [मत्ती 03:16-17](rc://en/tn/help/mat/03/16) * [मत्ती 12:19-21](rc://en/tn/help/mat/12/19) ## शब्द तथ्य: ## * Strong's: H6963, H7032, H7445, H8193, G2906, G5456, G5586