# महायाजक ## परिभाषा: “महायाजक” शब्द उस विशेष याजक के सन्दर्भ में है जिसकी नियुक्ति सब इस्राएली याजकों के ऊपर एक वर्ष की सेवा के लिए की जाती थी। नए नियम के युग में, कुछ ऐसे याजक भी थे जिनको अत्यधिक महत्त्वपूर्ण यहूदी धर्म गुरु माना जाता था| उन्हें अन्य याजकों और मनुष्यों पर अधिकार होता था| ये प्रधान याजक थे| * महायाजक के विशेष उत्तरदायित्व थे। एकमात्र वही था जो वर्ष में एक बार विशेष बलि चढ़ाने के लिए मिलाप वाले तम्बू या मन्दिर के परम-पवित्र स्थान में प्रवेश कर सकता था। * इस्राएल में याजक तो अनेक थे परन्तु एक बार में एक ही महायाजक होता था। * सेवानिवृत हो जाने के बाद भी महायाजक अपनी उपाधि प्रतिधारित रखता था वरन उसके पास कुछ कर्यकारी उत्तरदायित्व भे होते थे| उदाहरणार्थ, हन्ना कैफा के महायाजक होते हुए भी महायाजक कहलाता था| * प्रधान याजकों का उत्तरदायित्व था कि मंदिर में आराधना के लिए सब आवश्यकताओं की पूर्ती करें| वे मंदिर में दिए जाने वाले पैसों के भी प्रभारी थे| * प्रधान याजक, पद और अधिकारों में अन्य याजकों से ऊपर थे| उनसे अधिक अधिकार संपन्न केवल महायाजक था| * ये प्रधान याजक यीशु के बैरियों में से थे और उन्होंने रोमी अधिकारियों को प्रभावित किया कि उसको बंदी बनाकर मृत्यु दंड दें| ## अनुवाद के सुझाव: * “महायाजक” का अनुवाद “ सर्वोच्च याजक” या “सबसे बड़ा याजक” किया जा सकता है। * "प्रधान याजक" शब्द का अनुवाद हो सकता है: "प्रमुख याजक" या "अगुवे याजक" या "प्रशासनिक याजक" (यह भी देखें: [हन्ना](../names/annas.md), [कैफा](../names/caiaphas.md), [याजक](../kt/priest.md), [मन्दिर](../kt/temple.md)) ## बाइबल सन्दर्भ: * [प्रे.का. 5:27](rc://hi/tn/help/act/05/27) * [प्रे.का. 7:1](rc://hi/tn/help/act/07/01) * [प्रे.का. 9:1](rc://hi/tn/help/act/09/01) * [निर्गमन 30:10](rc://hi/tn/help/exo/30/10) * [इब्रानियों 6:19-20](rc://hi/tn/help/heb/06/19) * [लैव्यव्यवस्था 16:32](rc://hi/tn/help/lev/16/32) * [लूका 3:2](rc://hi/tn/help/luk/03/02) * [मरकुस 2:25-26](rc://hi/tn/help/mrk/02/25) * [मत्ती 26:3-5](rc://hi/tn/help/mat/26/03) * [मत्ती 26:51-54](rc://hi/tn/help/mat/26/51) ## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ## * __[13:08](rc://en/tn/help/obs/13/08)__ केवल __उच्च परोहित__ को ही उन कमरों में जाने की अनुमति थी क्योंकि परमेश्वर उसमे वास करता था। * __[21:07](rc://en/tn/help/obs/21/07)__ मसीह एक सिद्ध __ उच्च पुरोहित__ होगा जो परमेश्वर के लिए स्वयं का बलिदान देगा। * __[38:03](rc://en/tn/help/obs/38/03)__ यहूदी गुरुओं ने __प्रधान याजक__ के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये उसे तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए | * __[39:01](rc://en/tn/help/obs/39/01)__ तब यीशु के पकड़ने वाले उसको__ महा याजक__ के पास ले गए, कि __ वह(महा याजक)__ यीशु से प्रश्न करें। * __[39:03](rc://en/tn/help/obs/39/03)__ अंत में, __महा याजक__ ने यीशु की ओर देखकर उससे कहा कि, “हमें बता कि क्या तू मसीह है, जीवते परमेश्वर का पुत्र?” * __[44:07](rc://en/tn/help/obs/44/07)__ दूसरे दिन ऐसा हुआ कि यहूदी याजक पतरस और यूहन्ना को लेकर __महायाजक__ के पास गए। * __[45:02](rc://en/tn/help/obs/45/02)__ तब स्तिफनुस को पकड़कर महासभा में ले गए और उसे __महायाजक__ और अन्य यहूदी नेताओं के सामने खड़ा किया गया जहाँ कई ओर झूठे गवाहों ने स्तिफनुस के बारे में झूठ बोला। * __[46:01](rc://en/tn/help/obs/46/01)__ __महायाजक__ ने शाउल को यह अनुमति दी की वह दमिश्क शहर में जाकर वहा के मसीहियों को पकड़कर वापस यरूशलेम ले आए। * __[48:06](rc://en/tn/help/obs/48/06)__ यीशु सबसे __महान पुरोहित__ है। दूसरे याजकों से भिन्न, उसने अपने आप को उस एकलौते बलिदान के रूप में अर्पण किया जो संसार के सभी मनुष्य के पाप को हटा सकती है। यीशु सबसे उत्तम __महान पुरोहित__ है क्योंकि उसने सभी मनुष्यों के सभी पापों का दण्ड, जो उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी किया हो, अपने ऊपर ले लिया। ## शब्द तथ्य: ## * Strong's: H7218, H1419, H3548, G748, G749