# धूप ## परिभाषा: "धूप" का सन्दर्भ उस सुगन्धित मिश्रण से है जिसे जलाने पर मनमोहक सुगंध उठती है। * परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी कि वे उसके लिए भेट स्वरूप धूप जलाया करे। * यह विशेष धूप परमेश्वर के निर्देश अनुसार पाँच विशिष्ट सुगन्धित द्रव्यों को बराबर मात्रा में मिलाकर बनाया जाता था। यह धूप पवित्र होता था इस कारण इसे अन्य किसी भी उद्देश्य के निमित्त काम में लेना वर्जित था। * "धूप की वेदी" यह एक विशेष वेदी थी जो केवल धूप जलाने के लिए थी। * दिन में चार बार, जब मन्दिर में प्रार्थना की जाती थी तब धूप जलाना अनिवार्य था। जब-जब होमबली चढाई जाती थी तब-तब धूप भी जलाई जाती थी। * धूप जलाने का अभिप्राय था, परमेश्वर के लोगों की प्रार्थना और उपासना उसके धुए के द्वारा परमेश्वर तक जाती है। * "धूप" का अनुवाद हो सकता है: "सुगन्धित द्रव्य" या "सुगन्धित पौधें" (यह भी देखें: [धूप जलाने की वेदी](../other/altarofincense.md), [होमबलि](../other/burntoffering.md), [लोबान](../other/frankincense.md)) ## बाइबल सन्दर्भ: * [1 राजा 3:1-3](rc://hi/tn/help/1ki/03/01) * [2 इतिहास 13:10-11](rc://hi/tn/help/2ch/13/10) * [2 राजा 14:4](rc://hi/tn/help/2ki/14/04) * [निर्गमन 25:3-7](rc://hi/tn/help/exo/25/03) * [लूका 1:10](rc://hi/tn/help/luk/01/10) ## शब्द तथ्य: * स्ट्रोंग्स: H2553, H3828, H4196, H4289, H5208, H6988, H6999, H7002, H7004, H7381, G23680, G23690, G23700 , G23790, G30310