# दोष, निर्दोष, कलंक ## तथ्य “दोष” अर्थात पशु या मनुष्य में शारीरिक दोष या विकलांगता। इसका संदर्भ मनुष्यों में आत्मिक असिद्धता एवं दोष से भी है। * कुछ बलियों में परमेश्वर की आज्ञा थी कि बलि पशु निर्दोष एवं निष्कलंक हो। * यह मसीह यीशु की निष्पाप एवं सिद्ध बलि का चित्रण है। * मसीह के विश्वासी यीशु के लहू द्वारा पापों से शुद्ध किए गए हैं और निष्कलंक माने गए हैं। * प्रकरण के अनुसार इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “दोष” या “असिद्धता” या “पाप”। (यह भी देखें: [विश्वास](../kt/believer.md), [शुद्ध](../kt/clean.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md), [पाप](../kt/sin.md)) ## बाइबल सन्दर्भ * [1 पतरस 1:19](rc://hi/tn/help/1pe/01/19) * [2 पतरस 2:13](rc://hi/tn/help/2pe/02/13) * [व्यवस्थाविवरण 15:19-21](rc://hi/tn/help/deu/15/19) * [गिनती 6:13-15](rc://hi/tn/help/num/06/13) * [श्रेष्ठगीत 4:7](rc://hi/tn/help/sng/04/07) ## शब्द तथ्य * स्ट्रोंग्स: H3971, H8400, H8549, G34700