# विवेक ## परिभाषा: ## विवेक मनुष्य की सोच का हिस्सा है जिसके द्वारा परमेश्वर उसे जागरूक करता है जब वह कुछ पाप करता है। * परमेश्वर ने मनुष्य को विवेक दिया कि वह उचित और अनुचित में अन्तर कर पाए। * जो मनुष्य परमेश्वर की आज्ञा मानता है उसके लिए कहा जाता है कि उसका विवेक “शुद्ध” या “स्वच्छ” या “निर्मल” है। * यदि मनुष्य का विवेक स्वच्छ है तो इसका अर्थ है कि वह किसी भी पाप को छिपा नहीं रहा है। * यदि मनुष्य अपने विवेक की बात न सुने और पाप करते समय उसे अपराध-बोध न हो तो इसका अर्थ है कि उसका विवेक अनुचित कार्य के प्रति संवेदनशील नहीं है। बाइबल इसे दागा गया विवेक कहती है, जिस पर ऐसा चिन्ह लगा है जैसा गर्म लोहे से दागा जाता है। ऐसे विवेक को “संवेदनरहित” या “प्रदूषित” कहा जाता है। * इस शब्द के संभावित अनुवाद हो सकते हैं, “आन्तरिक नैतिक पथ प्रदर्शन” या “नैतिक विचार” ## बाइबल संदर्भ: ## * [1 तीमुथियुस 01:18-20](rc://en/tn/help/1ti/01/18) * [1 तीमुथियुस 03:8-10](rc://en/tn/help/1ti/03/08) * [2 कुरिन्थियों 05: 11-12](rc://en/tn/help/2co/05/11) * [2 तीमुथियुस 01:3-5](rc://en/tn/help/2ti/01/03) * [रोमियो 09:1-2](rc://en/tn/help/rom/09/01) * [तीतुस 01:15-16](rc://en/tn/help/tit/01/15) ## शब्द तथ्य: ## * Strong's: G4893