From e28877b8c0200ecb68e6135320a6382c241f1407 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Christopher_Sentu1 Date: Thu, 21 Oct 2021 11:32:26 +0000 Subject: [PATCH] Edit 'bible/other/footstool.md' using 'tc-create-app' --- bible/other/footstool.md | 24 ++++++++++++------------ 1 file changed, 12 insertions(+), 12 deletions(-) diff --git a/bible/other/footstool.md b/bible/other/footstool.md index 7b88e3d..be3a380 100644 --- a/bible/other/footstool.md +++ b/bible/other/footstool.md @@ -1,23 +1,23 @@ -# पाँवों की चौकी # +# पाँवों की चौकी -## परिभाषा: ## +## परिभाषा: “पाँवों की चौकी” बैठते समय पाँवों को आराम देने के लिए रखने की चौकी। इस उक्ति का प्रतीकात्मक अर्थ है, अधीन रहना या कनिष्ठ पद। * बाइबल के युग में पाँवों को शरीर का सबसे तुच्छ अंग माना जाता है। अतः पाँवों की चौकी और भी अधिक तुच्छ वस्तु थी, क्योंकि उस पर पाँव रखे जाते थे। * परमेश्वर कहता है, मैं अपने शत्रुओं को अपने पाँवों की चौकी कर दूँगा तो वह विद्रोहियों पर अपने सामर्थ्य, नियंत्रण और विजय की घोषणा कर रहा है। वे पराजित होकर इतने दीन हो जाएंगे कि परमेश्वर की इच्छा के अधीन समर्पण कर देंगे। -* “परमेश्वर के पाँवों की चौकी पर आराधना करना” अर्थात परमेश्वर सिंहासन पर बैठा है और उपासक उसके चरणों में दण्डवत् करता है। उसके द्वारा परमेश्वर के प्रति दीनता एवं आत्म समर्पण प्रकट होता है। +* “परमेश्वर के पाँवों की चौकी पर आराधना करना” अर्थात परमेश्वर सिंहासन पर बैठा है और उपासक उसके चरणों में दण्डवत् करता है। उसके द्वारा परमेश्वर के समक्ष दीनता एवं आत्म समर्पण प्रकट होता है। * दाऊद मन्दिर को परमेश्वर के पाँवों की चौकी कहता है। इसका संदर्भ उसके अपने लोगों पर उसके संपूर्ण अधिकार से है। यह सिंहासन पर बैठे परमेश्वर का चित्रण भी है जिसके पाँव चौकी पर रखे हुए हैं जो उसके अधीन सबका समपर्ण दर्शाता है। -## बाइबल सन्दर्भ: ## +## बाइबल सन्दर्भ: -* [प्रे.का. 07:47-50](rc://en/tn/help/act/07/47) -* [यशायाह 66:1](rc://en/tn/help/isa/66/01) -* [लूका 20:41-44](rc://en/tn/help/luk/20/41) -* [मत्ती 05:33-35](rc://en/tn/help/mat/05/33) -* [मत्ती 22:43-44](rc://en/tn/help/mat/22/43) -* [भजन संहिता 110:1](rc://en/tn/help/psa/110/001) +* [प्रे.का. 7:49](rc://hi/tn/help/act/07/49) +* [यशायाह 66:1](rc://hi/tn/help/isa/66/1) +* [लूका 20:43](rc://hi/tn/help/luk/20/43) +* [मत्ती 5:35](rc://hi/tn/help/mat/05/35) +* [मत्ती 22:44](rc://hi/tn/help/mat/22/44) +* [भजन संहिता 110:1](rc://hi/tn/help/psa/110/1) -## शब्द तथ्य: ## +## शब्द तथ्य: -* Strong's: H1916, H3534, H7272, G4228, G5286 +* स्ट्रोंग्स: H1916, H3534, H7272, G4228, G5286