From cdb6036fcb76218be8a35bee9e509c493ac7982b Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Christopher_Sentu1 Date: Thu, 11 Nov 2021 05:35:45 +0000 Subject: [PATCH] Edit 'bible/names/josephnt.md' using 'tc-create-app' --- bible/names/josephnt.md | 44 ++++++++++++++++++++--------------------- 1 file changed, 22 insertions(+), 22 deletions(-) diff --git a/bible/names/josephnt.md b/bible/names/josephnt.md index 9e4232e..31abaf6 100644 --- a/bible/names/josephnt.md +++ b/bible/names/josephnt.md @@ -1,38 +1,38 @@ -# यूसुफ (नया नियम) # +# यूसुफ (नया नियम) -## तथ्य: ## +## तथ्य: यूसुफ यीशु का सांसारिक पिता था जिसने उसे पाल-पोस कर बड़ा किया। वह एक धर्मी पुरुष था जिसका पेशा लकड़ी का काम था। * यूसुफ की मंगनी एक यहूदी स्त्री मरियम के साथ हुई थी जिसे परमेश्वर ने यीशु मसीह की माता होने के लिए चुन लिया था। * स्वर्गदूत ने यूसुफ से कहा कि पवित्र-आत्मा ने अलौकिक कृत्य द्वारा मरियम को गर्भधारी किया है और मरियम का यह पुत्र परमेश्वर का पुत्र है। -* यीशु के जन्म के बाद एक स्वर्गदूत ने यूसुफ को चिताया कि वह बालक और मरियम को लेकर मिस्र देश चला जाए क्योंकि हेरोदेस से बचने के लिए। +* यीशु के जन्म के बाद एक स्वर्गदूत ने यूसुफ को चिताया कि वह हेरोदेस से बचने के लिए बालक और मरियम को लेकर मिस्र देश चला जाए। * यूसुफ अपने परिवार के साथ गलील क्षेत्र के नासरत नगर में रहता था और लकड़ी का काम करके जीविकोपार्जन करता था। -(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://en/ta/man/translate/translate-names)) +(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://hi/ta/man/translate/translate-names)) (यह भी देखें: [मसीह](../kt/christ.md), [गलील](../names/galilee.md), [यीशु](../kt/jesus.md), [नासरत](../names/nazareth.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md), [कुंवारी](../other/virgin.md)) -## बाइबल सन्दर्भ: ## +## बाइबल सन्दर्भ: -* [यूहन्ना 01:43-45](rc://en/tn/help/jhn/01/43) -* [लूका 01:26-29](rc://en/tn/help/luk/01/26) -* [लूका 02:4-5](rc://en/tn/help/luk/02/04) -* [लूका 02:15-16](rc://en/tn/help/luk/02/15) -* [मत्ती 01:18-19](rc://en/tn/help/mat/01/18) -* [मत्ती 01:24-25](rc://en/tn/help/mat/01/24) -* [मत्ती 02:19-21](rc://en/tn/help/mat/02/19) -* [मत्ती 13:54-56](rc://en/tn/help/mat/13/54) +* [यूहन्ना 1:43-45](rc://hi/tn/help/jhn/01/43) +* [लूका 1:26-29](rc://hi/tn/help/luk/01/26) +* [लूका 2:4-5](rc://hi/tn/help/luk/02/04) +* [लूका 2:15-16](rc://hi/tn/help/luk/02/15) +* [मत्ती 1:18-19](rc://hi/tn/help/mat/01/18) +* [मत्ती 1:24-25](rc://hi/tn/help/mat/01/24) +* [मत्ती 2:19-21](rc://hi/tn/help/mat/02/19) +* [मत्ती 13:54-56](rc://hi/tn/help/mat/13/54) -## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ## +## बाइबल की कहानियों के उदाहरण: -* __[22:04](rc://en/tn/help/obs/22/04)__ वह एक कुँवारी थी जिसकी मंगनी __यूसुफ__ नामक पुरुष के साथ हुई थी। -* __[23:01](rc://en/tn/help/obs/23/01)__ मरियम की मंगनी एक __यूसुफ__ नामक एक धर्मी पुरुष से हुई। जब यूसुफ को यह पता चला कि मरियम गर्भवती है, और जो उसके गर्भ में है वह उसका बालक नहीं है, अत: यूसुफ ने जो धर्मी था और उसको बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने का विचार किया। -* __[23:02](rc://en/tn/help/obs/23/02)__ स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे __यूसुफ__ ! तू अपनी पत्नी मरियम को यहाँ ले आने से मत डर, क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना (जिसका अर्थ है, 'यहोवा बचाता है' )क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।” -* __[23:03](rc://en/tn/help/obs/23/03)__ __यूसुफ__ ने मरियम से विवाह किया और अपनी पत्नी को अपने यहाँ ले आया, और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया। -* __[23:04](rc://en/tn/help/obs/23/04)__ अत: __यूसुफ__ और मरियम भी एक लम्बी यात्रा तय करके नासरत को गए, क्योंकि यूसुफ दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया। -* __[26:04](rc://en/tn/help/obs/26/04)__ यीशु ने उनसे कहा, “ आज ही यह लेख तुम्हारे सामने पूरा हुआ है” | सभी लोग चकित थे। और कहने लगे कि “ क्या यह __यूसुफ__ का पुत्र नहीं है?” +* __[22:4](rc://hi/tn/help/obs/22/04)__ वह एक कुँवारी थी जिसकी मंगनी __यूसुफ__ नामक पुरुष के साथ हुई थी। +* __[23:1](rc://hi/tn/help/obs/23/01)__ मरियम की मंगनी __यूसुफ__ नामक एक धर्मी पुरुष से हुई। जब यूसुफ को यह पता चला कि मरियम गर्भवती है, और जो उसके गर्भ में है वह उसका बालक नहीं है, अत: यूसुफ ने जो धर्मी था और उसको बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने का विचार किया। +* __[23:2](rc://hi/tn/help/obs/23/02)__ स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे __यूसुफ__ ! तू अपनी पत्नी मरियम को यहाँ ले आने से मत डर, क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना (जिसका अर्थ है, 'यहोवा बचाता है' )क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।” +* __[23:3](rc://hi/tn/help/obs/23/03)__ __यूसुफ__ ने मरियम से विवाह किया और अपनी पत्नी को अपने यहाँ ले आया, और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया। +* __[23:4](rc://hi/tn/help/obs/23/04)__ अत: __यूसुफ__ और मरियम भी एक लम्बी यात्रा तय करके नासरत को गए, क्योंकि यूसुफ दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया। +* __[26:4](rc://hi/tn/help/obs/26/04)__ यीशु ने उनसे कहा, “ आज ही यह लेख तुम्हारे सामने पूरा हुआ है” | सभी लोग चकित थे। और कहने लगे कि “ क्या यह __यूसुफ__ का पुत्र नहीं है?” -## शब्द तथ्य: ## +## शब्द तथ्य: -* Strong's: G2501 +* स्ट्रोंग्स: G25010