From c98deae96138dc7ab7b99b5f8161bc179bafb82e Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Robin_Masih Date: Thu, 22 Oct 2020 12:30:39 +0000 Subject: [PATCH] Edit 'bible/other/heal.md' using 'tc-create-app' --- bible/other/heal.md | 12 ++++++------ 1 file changed, 6 insertions(+), 6 deletions(-) diff --git a/bible/other/heal.md b/bible/other/heal.md index 31d7a55..badee86 100644 --- a/bible/other/heal.md +++ b/bible/other/heal.md @@ -2,13 +2,13 @@ ## परिभाषा: ## -“चंगा करना” अर्थात रोगी, अन्धा या विकलांग को स्वस्थ्य प्रदान करना। +“चंगा करना” और "इलाज" दोनों का अर्थ है एक बीमार, अर्थात रोगी, अन्धा या विकलांग को स्वस्थ्य प्रदान करना। -* चंगाई पाने वाली या “रोग-मुक्त मनुष्य” “पुष्ट किया गया” या “स्वस्थ किया गया” होना है। -* चंगाई प्राकृतिक भी होती है क्योंकि परमेश्वर ने हमारे शरीर को अनेक प्रकार की चोटों और रोगों से स्वस्थ हो जाने की क्षमता प्रदान की है। ऐसी चंगाई में समय लगता है। -* तथापि जैसे अंधा होना, लकवा तथा कोढ़ अपने आप स्वस्थ नहीं होते हैं। जब मनुष्यों को ऐसे रोगों या विकलांगता से चंगाई मिलती है तो वह एक आश्चर्यकर्म होता है। -* उदाहरणार्थ यीशु ने अनेक अंधों, लंगड़ो और रोगियों का तत्काल चंगा किया था और वे उसी पल स्वस्थ हो गए थे। -* प्रेरितों ने भी रोगियों को चमत्कारी चंगाई दी थी जैसे पतरस ने एक लंगड़े को चलने योग्य बनाया था। +* चंगाई पाने वाली या “रोग-मुक्त मनुष्य” “पुष्ट किया गया” या “स्वस्थ किया गया” होना है। +* चंगाई प्राकृतिक भी होती है क्योंकि परमेश्वर ने हमारे शरीर को अनेक प्रकार की चोटों और रोगों से स्वस्थ हो जाने की क्षमता प्रदान की है। ऐसी चंगाई में समय लगता है। +* तथापि जैसे अंधा होना, लकवा तथा कोढ़ अपने आप स्वस्थ नहीं होते हैं। जब मनुष्यों को ऐसे रोगों या विकलांगता से चंगाई मिलती है तो वह एक आश्चर्यकर्म होता है। +* उदाहरणार्थ यीशु ने अनेक अंधों, लंगड़ो और रोगियों का तत्काल चंगा किया था और वे उसी पल स्वस्थ हो गए थे। +* प्रेरितों ने भी रोगियों को चमत्कारी चंगाई दी थी जैसे पतरस ने एक लंगड़े को चलने योग्य बनाया था। (यह भी देखें: [आश्चर्यकर्म](../kt/miracle.md))