From a308884d34f4d5febbdd09ea434245e6cc2c6b83 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Robin_Masih Date: Thu, 24 Sep 2020 08:36:32 +0000 Subject: [PATCH] Edit 'bible/kt/believe.md' using 'tc-create-app' --- bible/kt/believe.md | 79 +++++++++++++++++++++++++++------------------ 1 file changed, 47 insertions(+), 32 deletions(-) diff --git a/bible/kt/believe.md b/bible/kt/believe.md index 026f079..12c90cb 100644 --- a/bible/kt/believe.md +++ b/bible/kt/believe.md @@ -1,49 +1,64 @@ -# विश्वास, विश्वास करे, विश्वास किया, विश्वास # +# विश्वास, विश्वासी, अविश्वास, अविश्वासी -## परिभाषा: ## +## परिभाषा: “विश्वास” और “विश्वास करना” निकट संबन्ध में हैं परन्तु इसके अर्थ में अन्तर बहुत कम है। -## 1. विश्वास ## +## 1\. विश्वास -* किसी पर विश्वास करना अर्थात स्वीकार करना या भरोसा रखना की यह सच है। -* किसी पे विश्वास करना अर्थात यह मानना की उस व्यक्ति ने जो कहा वह सच है। +* किसी पर विश्वास करना अर्थात स्वीकार करना या भरोसा रखना की यह सच है। +* किसी पे विश्वास करना अर्थात यह मानना की उस व्यक्ति ने जो कहा वह सच है। -## 2. विश्वास करने ## +## 2\. विश्वास करने -* किसी व्यक्ति पर "विश्वास करने" का अर्थ उस व्यक्ति पर "भरोसा" रखना है। भरोसा करने का अर्थ है कि वह व्यक्ति जो कहता है वह हमेशा सच्चाई से बोलता है, और वह करेगा जो उसने करने का वादा किया है। -* जब कोई व्यक्ति वास्तव में किसी चीज़ में विश्वास करता है, तो वह ऐसे तरीके से कार्य करेगा जो इस विश्वास को दर्शाता है। -* वाक्यांश "किसी में विश्वास करना" का अर्थ के रूप में "में विश्वास है।" -* “मसीह पर विश्वास” करने का अर्थ है विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है, वह स्वयं परमेश्वर है जो मनुष्य बना और हमारे पापों का दण्ड उठाने के लिए मारा गया। इसका अर्थ भरोसा रखना की वे उद्धारक है और ऐसा जीवन जीना जिससे उसका सम्मान हो। +* किसी व्यक्ति पर "विश्वास करने" का अर्थ उस व्यक्ति पर "भरोसा" रखना है। भरोसा करने का अर्थ है कि वह व्यक्ति जो कहता है वह हमेशा सच्चाई से बोलता है, और वह करेगा जो उसने करने का वादा किया है। +* जब कोई व्यक्ति वास्तव में किसी चीज़ में विश्वास करता है, तो वह ऐसे तरीके से कार्य करेगा जो इस विश्वास को दर्शाता है। +* वाक्यांश "किसी में विश्वास करना" का अर्थ के रूप में "में विश्वास है।" +* “मसीह पर विश्वास” करने का अर्थ है विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है, वह स्वयं परमेश्वर है जो मनुष्य बना और हमारे पापों का दण्ड उठाने के लिए मारा गया। इसका अर्थ भरोसा रखना की वे उद्धारक है और ऐसा जीवन जीना जिससे उसका सम्मान हो। -## अनुवाद के सुझाव: ## +## अनुवाद के सुझाव: -* “विश्वास करना” का अनुवाद “जानना की सत्य है” या “उचित होने का ज्ञान” किया जा सकता है। -* “में विश्वास करना” का अनुवाद “पूर्ण भरोसा” या “विश्वास करना” एवं “आज्ञा मानना” या “पूर्ण निर्भर होकर अनुसरण करना” हो सकता है। +* “विश्वास करना” का अनुवाद “जानना की सत्य है” या “उचित होने का ज्ञान” किया जा सकता है। +* “में विश्वास करना” का अनुवाद “पूर्ण भरोसा” या “विश्वास करना” एवं “आज्ञा मानना” या “पूर्ण निर्भर होकर अनुसरण करना” हो सकता है। (यह भी देखें: [विश्वास](../kt/faith.md), [विश्वासी](../kt/believer.md)) -## बाइबल सन्दर्भ: ## +## बाइबल सन्दर्भ: -* [1 यूहन्ना 03:23-24](rc://en/tn/help/1jn/03/23) -* [प्रे.का. 09:40-43](rc://en/tn/help/act/09/40) -* [प्रे.का. 28:23-24](rc://en/tn/help/act/28/23) -* [उत्पत्ति 15:6-8](rc://en/tn/help/gen/15/06) -* [उत्पत्ति 45:24-26](rc://en/tn/help/gen/45/24) -* [हबक्कूक 01:5-7](rc://en/tn/help/hab/01/05) -* [अय्यूब 09:16-18](rc://en/tn/help/job/09/16) -* [यूहन्ना 01:12-13](rc://en/tn/help/jhn/01/12) -* [मरकुस 01:14-15](rc://en/tn/help/mrk/01/14) +* [उत्पत्ति](rc://en/tn/help/gen/15/06) [15:06](rc://en/tn/help/gen/15/06) +* [उत्पत्ति](rc://en/tn/help/gen/15/06) [45:26](rc://en/tn/help/gen/45/26) +* [अय्यूब](rc://en/tn/help/job/09/16) [09:16-18](rc://en/tn/help/job/09/16) +* [हबक्कूक](rc://en/tn/help/hab/01/05) [01:5-7](rc://en/tn/help/hab/01/05) +* [मरकुस](rc://en/tn/help/mrk/01/14) [06:4-6](rc://en/tn/help/mrk/06/04) +* [मरकुस](rc://en/tn/help/mrk/01/14) [01:14-15](rc://en/tn/help/mrk/01/14) +* [लूका 09:41](rc://en/tn/help/luk/09/41) +* [यूहन्ना](rc://en/tn/help/1jn/03/23) [01:12](rc://en/tn/help/jhn/01/12) +* [प्रे.का.](rc://en/tn/help/act/28/23) [06:05](rc://en/tn/help/act/06/05) +* [प्रे.का.](rc://en/tn/help/act/28/23) [09:42](rc://en/tn/help/act/09/42) +* [प्रे.का.](rc://en/tn/help/act/28/23) [28:23-24](rc://en/tn/help/act/28/23) +* [रोमियों 03:03](rc://en/tn/help/rom/03/03) +* [1 कुरिन्थियों 06:01](rc://en/tn/help/1co/06/01) +* [1](rc://en/tn/help/1co/09/05) [कुरिन्थियों](rc://en/tn/help/1co/06/01) 09:05 +* [2](rc://en/tn/help/2co/06/15) [कुरिन्थियों](rc://en/tn/help/1co/06/01) 06:15 +* [इब्रानियों 03:12](rc://en/tn/help/heb/03/12) +* [1 यूहन्ना](rc://en/tn/help/1jn/03/23) [03:23](rc://en/tn/help/1jn/03/23) -## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ## +## बाइबल कहानियों से उदाहरण: -* __[03:04](rc://en/tn/help/obs/03/04)__ नूह ने लोगों को बाढ़ के विषय में चेतावनी दी , और कहा कि परमेश्वर की ओर मन फिराओ पर उन्होंने नूह पर __विश्वास__ नहीं किया। -* __[04:08](rc://en/tn/help/obs/04/08)__ अब्राम ने परमेश्वर की वाचा पर __विश्वास__ किया। परमेश्वर ने घोषित किया कि अब्राम धर्मी है, क्योंकि उसने परमेश्वर की वाचा पर __विश्वास किया__ है। -* __[11:02](rc://en/tn/help/obs/11/02)__ परमेश्वर ने कहा कि, वो मनुष्य जो उस पर __विश्वास करेंगा__ वह उसके पहिलौठे पुत्र को बचाएगा। -* __[05:10](rc://en/tn/help/obs/11/06)__ परन्तु मिस्र परमेश्वर पर __विश्वास__ नहीं किया या आज्ञा का पालन नहीं किया। -* __[35:05](rc://en/tn/help/obs/37/05)__ यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ। जो कोई मुझ पर __विश्वास करता__ है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा। और हर कोई जो मुझ पर __विश्वास करता__ है वह कभी न मरेंगा। क्या तू इस बात पर __विश्वास करती__ है?” +* **[03:04](rc://en/tn/help/obs/03/04)** नूह ने लोगों को बाढ़ के विषय में चेतावनी दी , और कहा कि परमेश्वर की ओर मन फिराओ पर उन्होंने नूह पर **विश्वास** नहीं किया। + +* **[04:08](rc://en/tn/help/obs/04/08)** अब्राम ने परमेश्वर की वाचा पर **विश्वास** किया। परमेश्वर ने घोषित किया कि अब्राम धर्मी है, क्योंकि उसने परमेश्वर की वाचा पर **विश्वास किया** है। + +* **[11:02](rc://en/tn/help/obs/11/02)** परमेश्वर ने कहा कि, वो मनुष्य जो उस पर **विश्वास करेंगा** वह उसके पहिलौठे पुत्र को बचाएगा। + +* **[11:06](rc://en/tn/help/obs/11/06)** **परन्तु मिस्र के लोग परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते थे या उसकी आज्ञा का पालन नहीं करते थे।** + +* **[37:05](rc://en/tn/help/obs/37/05)** यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ। जो कोई मुझ पर **विश्वास करता** है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा। और हर कोई जो मुझ पर **विश्वास करता** है वह कभी न मरेंगा। क्या तू इस बात पर **विश्वास करती** है?” + +* **[43:01](rc://en/tn/help/obs/43/01)** **यीशु के स्वर्ग लौटने के बाद, चेले यरूशलेम में ही रहे क्योंकि यीशु ने उन्हें ऐसा करने की आज्ञा दी थी। वहाँ के विश्वासी लगातार प्रार्थना करने के लिए इकट्ठे हुए।** + +* +## शब्द तथ्य: -## शब्द तथ्य: ## - -* Strong's: H539, H540, G544, G569, G571, G3982, G4100, G4102, G4103, G4135 +* Strong's: H539, H540, G543, G544, G569, G570, G571, G3982, G4100, G4102, G4103, G4135 \ No newline at end of file