diff --git a/bible/names/jerusalem.md b/bible/names/jerusalem.md index f5ad854..b62e0a3 100644 --- a/bible/names/jerusalem.md +++ b/bible/names/jerusalem.md @@ -1,40 +1,40 @@ -# यरूशलेम # +# यरूशलेम -## तथ्य: ## +## तथ्य: -यरूशलेम वास्तव में एक प्राचीन कनानी नगर था जो बाद में इस्राएल का एक प्रमुख नगर बन गया था। यह नगर खारे ताल के पश्चिम में 34 किलोमीटर दूर और बैतलहम के उत्तर में स्थित है। यह नगर आज भी इस्राएल की राजधानी है। +यरूशलेम वास्तव में एक प्राचीन कनानी नगर था जो बाद में इस्राएल का एक प्रमुख नगर बन गया था। यह नगर खारे ताल के पश्चिम में 34 किलोमीटर दूर और बैतलहम के ठीक उत्तर में स्थित है। यह नगर आज भी इस्राएल की राजधानी है। * “यरूशलेम” नाम सबसे पहले यहोशू की पुस्तक में आया है। इस नगर के अन्य नाम जो पुराने नियम में हैं वे हैं, “शालेम”, “यबूसियों का नगर” और “सिय्योन” यरूशलेम और शालेम दोनों शब्दों का मूल अर्थ है, “शान्ति”। * यरूशलेम मूल रूप से यबूसी गढ़ था जिसका नाम “सिय्योन” था, राजा दाऊद ने इस नगर को जीत कर अपनी राजधानी बना लिया था। * राजा दाऊद के पुत्र, सुलैमान ने सबसे पहला मन्दिर यरूशलेम में मोरियाह पर्वत पर बनाया था। मोरियाह पर्वत वह स्थान था जहां अब्राहम ने अपने पुत्र, इसहाक की बलि चढ़ाई थी। बेबीलोन की सेना द्वारा मन्दिर के विनाश के उपरान्त उसका पुनः निर्माण किया गया था। * मन्दिर यरूशलेम में था इसलिए यहूदियों के मुख्य पर्व वहीं मनाए जाते थे। -* लोग कहते थे कि वे ऊपर यरूशलेम को जा रहे हैं क्योंकि यह नगर पहाड़ पर बसा हुआ था। +* लोग कहते थे कि वे "ऊपर" यरूशलेम को जा रहे हैं क्योंकि यह नगर पहाड़ पर बसा हुआ था। (यह भी देखें: [बाबेल](../names/babylon.md), [मसीह](../kt/christ.md), [दाऊद](../names/david.md), [यबूसी](../names/jebusites.md), [यीशु](../kt/jesus.md), [सुलैमान](../names/solomon.md), [मन्दिर](../kt/temple.md), [सिय्योन](../kt/zion.md)) -## बाइबल सन्दर्भ: ## +## बाइबल सन्दर्भ: -* [गलातियों 04:26-27](rc://en/tn/help/gal/04/26) -* [यूहन्ना 02:13-14](rc://en/tn/help/jhn/02/13) -* [लूका 04:9-11](rc://en/tn/help/luk/04/09) -* [लूका 13:4-5](rc://en/tn/help/luk/13/04) -* [मरकुस 03:7-8](rc://en/tn/help/mrk/03/07) -* [मरकुस 03:20-22](rc://en/tn/help/mrk/03/20) -* [मत्ती 03:4-6](rc://en/tn/help/mat/03/04) -* [मत्ती. 04:23-25](rc://en/tn/help/mat/04/23) -* [मत्ती 20:17-19](rc://en/tn/help/mat/20/17) +* [गलातियों 04:26-27](rc://hi/tn/help/gal/04/26) +* [यूहन्ना 02:13](rc://hi/tn/help/jhn/02/13) +* [लूका 04:9-11](rc://hi/tn/help/luk/04/09) +* [लूका 13:05](rc://hi/tn/help/luk/13/05) +* [मरकुस 03:7-8](rc://hi/tn/help/mrk/03/07) +* [मरकुस 03:20-22](rc://hi/tn/help/mrk/03/20) +* [मत्ती 03:06](rc://hi/tn/help/mat/03/06) +* [मत्ती. 04:23-25](rc://hi/tn/help/mat/04/23) +* [मत्ती 20:17](rc://hi/tn/help/mat/20/17) -## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ## +## बाइबल कहानियों से उदाहरण: -* __[17:05](rc://en/tn/help/obs/17/05)__ दाऊद ने __यरूशलेम__ पर विजय प्राप्त की और उसे अपनी राजधानी बनाया। -* __[18:02](rc://en/tn/help/obs/18/02)__ __यरुशेलम__ में, सुलैमान ने अपने पिता की योजना के अनुसार एक भवन बनाने का निर्णय किया और उसके लिए समान एकत्र किया। -* __[20:07](rc://en/tn/help/obs/20/07)__ उन्होंने __यरूशलेम__ को जीत लिया, मंदिर का विनाश कर दिया, और शहर व मंदिर की सभी बहुमूल्य वस्तुओं को उनसे छीन कर ले गए। -* __[20:12](rc://en/tn/help/obs/20/12)__ अत: सत्तर वर्ष तक निर्वासन के बाद, यहूदियों का एक छोटा समूह __यरूशलेम__ को वापस लौट आया। -* __[38:01](rc://en/tn/help/obs/38/01)__ यीशु मसीह के सार्वजनिक उपदेशों के तीन साल बाद अपना पहला उपदेश शुरू किया। यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वह __यरूशलेम__ में उनके साथ फसह का त्यौहार मनाना चाहता था, और यह वही जगह है जहाँ उसे मार डाला जाएगा। -* __[38:02](rc://en/tn/help/obs/38/02)__ यीशु और चेलों के __ यरूशलेम__ में पहुँचने के बाद यहूदा यहूदी गुरुओ के पास गया और पैसों के बदले यीशु के साथ विश्वासघात करने का प्रस्ताव रखा। -* __[42:08](rc://en/tn/help/obs/42/08)__ “पवित्रशास्त्र में यह भी लिखा था कि मेरे चेले प्रचार करेंगे कि हर एक को पापों की क्षमा प्राप्त करने के लिये पश्चाताप करना चाहिए। वे __यरूशलेम__ से इसकी शुरुआत करेंगे और हर जगह सब जातियों में जायेंगे, तुम इन सब बातों के गवाह हो।” -* __[42:11](rc://en/tn/help/obs/42/11)__ यीशु के मरे हुओ में से जी उठने के चालीस दिनों के बाद, उसने अपने चेलों से कहा कि तुम यरूशलेम में ही रहना जब तक कि मेरे पिता तुम्हे पवित्र आत्मा का सामर्थ्य तुम्हे न दे।” +* __[17:05](rc://hi/tn/help/obs/17/05)__ दाऊद ने __यरूशलेम__ पर विजय प्राप्त की और उसे अपनी राजधानी बनाया। +* __[18:02](rc://hi/tn/help/obs/18/02)__ __यरुशेलम__ में, सुलैमान ने अपने पिता की योजना के अनुसार एक भवन बनाने का निर्णय किया और उसके लिए समान एकत्र किया। +* __[20:07](rc://hi/tn/help/obs/20/07)__ उन्होंने(बेबीलोनियों ने) __यरूशलेम__ को जीत लिया, मंदिर का विनाश कर दिया, और शहर व मंदिर की सभी बहुमूल्य वस्तुओं को उठा कर ले गए। +* __[20:12](rc://hi/tn/help/obs/20/12)__ अत: सत्तर वर्ष तक निर्वासन में रहने के बाद, यहूदियों का एक छोटा समूह यहूदा में __यरूशलेम__ वापस लौट आया। +* __[38:01](rc://hi/tn/help/obs/38/01)__ यीशु मसीह ने सार्वजनिक उपदेशों के आरम्भ के लगभग तीन साल बाद अपने चेलों से कहा कि वह __यरूशलेम__ में उनके साथ फसह का त्यौहार मनाना चाहता था, और वहीं वह मार डाला जाएगा। +* __[38:02](rc://hi/tn/help/obs/38/02)__ यीशु और चेलों के __ यरूशलेम__ में पहुँचने के बाद यहूदा यहूदी गुरुओ के पास गया और पैसों के बदले यीशु के साथ विश्वासघात करने का प्रस्ताव रखा। +* __[42:08](rc://hi/tn/help/obs/42/08)__ “पवित्रशास्त्र में यह भी लिखा था कि मेरे चेले प्रचार करेंगे कि हर एक को पापों की क्षमा प्राप्त करने के लिये पश्चाताप करना चाहिए। वे __यरूशलेम__ से इसकी शुरुआत करेंगे और हर जगह सब जातियों में जायेंगे।” +* __[42:11](rc://hi/tn/help/obs/42/11)__ यीशु के मरे हुओ में से जी उठने के चालीस दिनों के बाद, उसने अपने चेलों से कहा कि तुम यरूशलेम में ही रहना जब तक कि मेरा पिता पवित्र आत्मा का सामर्थ्य तुम्हे न दे।” -## शब्द तथ्य: ## +## शब्द तथ्य: -* Strong's: H3389, H3390, G2414, G2415, G2419 +* स्ट्रोंग्स: H3389, H3390, G2414, G2415, G2419