diff --git a/bible/kt/wordofgod.md b/bible/kt/wordofgod.md index 809118f..c052e12 100644 --- a/bible/kt/wordofgod.md +++ b/bible/kt/wordofgod.md @@ -1,6 +1,6 @@ -# परमेश्‍वर के वचन, परमेश्वर के वचनों, यहोवा के वचन, प्रभु का वचन, पवित्रशास्त्र, पवित्रशास्त्र # +# परमेश्‍वर का वचन, परमेश्वर का वचन, यहोवा के वचन, सत्य का वचन, पवित्रशास्त्र, -## परिभाषा: ## +## परिभाषा: बाइबल में “परमेश्वर का वचन” उन सभी चीजों को संदर्भित करता है जो परमेश्वर ने लोगों को बताया था। इसमें बोले गए तथा लिखित सन्देश शामिल हैं। यीशु को भी “परमेश्वर का वचन” कहा गया है। @@ -9,7 +9,7 @@ * कभी-कभी मात्र यही लिखा है, “वचन” या “मेरा वचन” या “तेरा वचन” (परमेश्वर के वचन के संदर्भ में) * नये नियम में यीशु को “वचन” या “परमेश्वर का वचन” कहा गया है। इन पदनामों का अर्थ है कि यीशु परमेश्वर को पूर्णतः प्रकट करता है क्योंकि वह स्वयं परमेश्वर है। -## अनुवाद के सुझाव ## +## अनुवाद के सुझाव * प्रकरण के आधार पर इस शब्द के अनुवाद की विधियां है, “यहोवा का सन्देश था” “परमेश्वर का सन्देश” या “परमेश्वर की शिक्षाएं” * कुछ भाषाओं में इसका बहुवचन अधिक व्यवहारिक होगा, “परमेश्वर के वचन” या “यहोवा के वचन” @@ -18,37 +18,52 @@ * जब "शब्द" अकेला होता है और यह परमेश्वर के वचन को दर्शाता है, इसका अनुवाद "संदेश" या " परमेश्वर का शब्द" या "शिक्षाओं" के रूप में किया जा सकता है। उपरोक्त सुझाव के अनुसार अनुवादों पर भी ध्यान दें। * जब बाइबल यीशु को "शब्द" के रूप में संदर्भित करती है, तो इस शब्द का अनुवाद "संदेश" या "सत्य" के रूप में किया जा सकता है। -(यह भी देखें: [भविष्यद्वक्ता](../kt/prophet.md), [वचन](../other/word.md), [यहोवा](../kt/yahweh.md)) -## बाइबल संदर्भ: ## +## अनुवाद के सुझाव: + + +* प्रकरण पर आधारित, इस शब्द के एनी अनुवाद रूप हो सकते हैं, "यहोवा का सन्देश" या परमेश्वर का सन्देश" या "परमेश्वर की शिओक्शाएन" +* कुछ भाषाओं में अधिक स्वाभिक होगा कि इस शब्द को बहुवचन में बदल दें और कहें "परमेश्वर के वचन" या "यहोवा के वचन" +* "यहोवा का वचन आया", इस अभिव्यक्ति को प्रायः परमेश्वर प्रदत्त वचनों के लिए काम में लिया जाता है जो उसने भविष्यद्वक्ताओं को दी या अपने लोगों को दिए| इसका अनुवाद हो सकता है, "यहोवा ने यह सन्देश उच्चारित किया" या "यहोवा ने इन शब्दों को सुनाया" +* "पवित्रशास्त्र" या "पवित्र्शास्त्रों" का अनुवाद हो सकता है, "लेख" या "परमेश्वर का लिखित वचन" इसका अनुवाद, "वचन" शब्द के अनुवाद से भिन्न होना चाहिए| +*जब "वचन" शब्द अकेला हो औए परमेश्वर के वचन के सन्दर्भ में हो तो इसका अनुवाद हो सकता है, "सन्देश" या "परमेश्वर का वचन" या "शिक्षाएं" उपरोक्त व्यक्त वैकल्पिक अनुवादों पर भी ध्यान दें| +* जब बेबल में यीशु को वचन कहकर संदर्भित किया जाता है तब इसका अनुवाद हो सकता है, "सन्देश" या "सत्य" +* "सत्य का वचन", इसका अनुवाद हो सकता है, "परमेश्वर का सत्य वचन" या "परमेश्वर का वचन जो सत्य है" +* इस शब्द के अनुवाद में सत्य होने के अभिप्राय कलो समाहित करना अति महत्वपूर्ण है| + +(यह भी देखें: [भविष्यद्वक्ता](../kt/prophet.md), +[सत्य](../kt/true.md), + [यहोवा](../kt/yahweh.md)) + +## बाइबल संदर्भ: -* [उत्पत्ति](rc://en/tn/help/gen/15/01) [15:01](rc://en/tn/help/gen/15/01) -* [1](rc://en/tn/help/1ki/13/01) [राजा](rc://en/tn/help/1ki/13/01) 13:01 -* [यिर्मयाह](rc://en/tn/help/jer/36/01) [36:1-3](rc://en/tn/help/jer/36/01) -* [लूका](rc://en/tn/help/luk/08/11) [08:11](rc://en/tn/help/luk/08/11) -* [यूहन्ना 05:39](rc://en/tn/help/jhn/05/39) -* [प्रे.का.](rc://en/tn/help/act/12/24) [06:02](rc://en/tn/help/act/06/02) -* [प्रे.का.](rc://en/tn/help/act/12/24) [12:24](rc://en/tn/help/act/12/24) -* [रोमियो](rc://en/tn/help/rom/01/01) [01:02](rc://en/tn/help/rom/01/02) -* [2 कुरिन्थियों 06:07](rc://en/tn/help/2co/06/07) -* [इफिस्सियों 01:13](rc://en/tn/help/eph/01/13) -* [2](rc://en/tn/help/2ti/03/16) [तीमुथियुस](rc://en/tn/help/2ti/03/16) 03:16 -* [याकूब](rc://en/tn/help/jas/02/08) [01:18](rc://en/tn/help/jas/01/18) -* [याकूब](rc://en/tn/help/jas/02/08) [02:8-9](rc://en/tn/help/jas/02/08) +* [उत्पत्ति15:1](rc://hi/tn/help/gen/15/01) +* [1राजा. 13:1](rc://hi/tn/help/1ki/13/01) 13:01 +* [यिर्मयाह 36:1-3](rc://hi/tn/help/jer/36/01) +* [लूका 8:11](rc://hi/tn/help/luk/08/11) +* [यूहन्ना 5:39](rc://hi/tn/help/jhn/05/39) +* [प्रे.का. 6:2](rc://hi/tn/help/act/06/02) +* [प्रे.का.12:24](rc://hi/tn/help/act/12/24) +* [रोमियो1:2](rc://hi/tn/help/rom/01/02) +* [2 कुरिन्थियों 6:7](rc://hi/tn/help/2co/06/07) +* [इफिस्सियों 1:13](rc://en/tn/help/eph/01/13) +* [2तीमुथियुस 3:16](rc://hi/tn/help/2ti/03/16) 03:16 +* [याकूब1:18](rc://hi/tn/help/jas/01/18) +* [याकूब 2:8-9](rc://hi/tn/help/jas/02/08) -## बाइबल कहानियों के उदाहरण: # ## +## बाइबल कहानियों के उदाहरण: -* __[25:07](rc://en/tn/help/obs/25/07)__ परमेश्वर के वचन__ में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’” -* __[33:06](rc://en/tn/help/obs/33/06)__ तब यीशु ने उन्हें समझाया कि, “बीज __परमेश्वर का वचन__ है । -* __[42:03](rc://en/tn/help/obs/42/03)__ फिर यीशु ने उन्हें समझाया कि __परमेश्वर का वचन__ मसीहा के बारे में क्या कहता है -* __[42:07](rc://en/tn/help/obs/42/07)__ यीशु ने कहा, जो बाते मैंने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम्हे बताई थी कि __परमेश्वर के वचन__ में जो कुछ भी मेरे बारे में लिखा है वह सब पूरा होगा।" तब उसने __पवित्र शास्त्र__ बूझने के लिये उनकी समझ खोल दी। -* __[45:10](rc://en/tn/help/obs/45/10)__ फिलिप्पुस ने अन्य __शास्त्रों__ का भी इस्तेमाल करके उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया। -* __[48:12](rc://en/tn/help/obs/48/12)__ लेकिन यीशु सबसे महान भविष्यद्वक्ता है। वह __ परमेश्वर का वचन__ है। -* __[49:18](rc://en/tn/help/obs/49/18)__ परमेश्वर कहता है कि हम प्रार्थना करें, उसका __वचन__ पढ़ें, अन्य मसीही लोगों के साथ उसकी आराधना करें, और जो उसने हमारे लिए किया है वह दूसरों को बताएँ। +* __[25:7](rc://hi/tn/help/obs/25/07)__ परमेश्वर के वचन__ में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’” +* __[33:6](rc://hi/tn/help/obs/33/06)__ तब यीशु ने उन्हें समझाया कि, “बीज __परमेश्वर का वचन__ है । +* __[42:3](rc://hi/tn/help/obs/42/03)__ फिर यीशु ने उन्हें समझाया कि __परमेश्वर का वचन__ मसीहा के बारे में क्या कहता है +* __[42:7](rc://hi/tn/help/obs/42/07)__ यीशु ने कहा, जो बाते मैंने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम्हे बताई थी कि __परमेश्वर के वचन__ में जो कुछ भी मेरे बारे में लिखा है वह सब पूरा होगा।" तब उसने __पवित्र शास्त्र__ बूझने के लिये उनकी समझ खोल दी। +* __[45:10](rc://hi/tn/help/obs/45/10)__ फिलिप्पुस ने अन्य __शास्त्रों__ का भी इस्तेमाल करके उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया। +* __[48:12](rc://hi/tn/help/obs/48/12)__ लेकिन यीशु सबसे महान भविष्यद्वक्ता है। वह __ परमेश्वर का वचन__ है। +* __[49:18](rc://hi/tn/help/obs/49/18)__ परमेश्वर कहता है कि हम प्रार्थना करें, उसका __वचन__ पढ़ें, अन्य मसीही लोगों के साथ उसकी आराधना करें, और जो उसने हमारे लिए किया है वह दूसरों को बताएँ। -## शब्द तथ्य: ## +## शब्द तथ्य: -* Strong's: H561, H565, H1697, H3068, G3056, G4487 +* स्ट्रोंग्स: H561, H565, H1697, H3068, G3056, G4487