From 542b8689e6bb5edff3f3941bc79caedcedaf5c60 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Christopher_Sentu1 Date: Fri, 12 Nov 2021 05:45:23 +0000 Subject: [PATCH] Edit 'bible/other/beg.md' using 'tc-create-app' --- bible/other/beg.md | 34 +++++++++++++++++----------------- 1 file changed, 17 insertions(+), 17 deletions(-) diff --git a/bible/other/beg.md b/bible/other/beg.md index d464465..d6a131e 100644 --- a/bible/other/beg.md +++ b/bible/other/beg.md @@ -1,32 +1,32 @@ -# विनती, विनती की, विनती की, कंगाल # +# विनती, विनती की, भिखारी, कंगाल -## परिभाषा: ## +## परिभाषा: “विनती” अर्थात किसी से किसी बात का साग्रह निवेदन करना। इसका संदर्भ पैसा मांगने से है परन्तु इसका अभिप्राय किसी बात का निवेदन करने से भी है। * मनुष्य घोर आवश्यकता में विनती या याचना करता है परन्तु प्राप्त करने का निश्चय नहीं होता है। * “भिखारी” वह मनुष्य है जो सार्वजनिक स्थानों में बैठकर या खड़ा होकर मनुष्यों से पैसा मांगता है। -प्रकरण के अनुवाद इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “विनती करना” या “साग्रह निवेदन करना” या “पैसा मांगना” या “सदैव पैसा मांगना” +प्रकरण के अनुवाद इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “विनती करना” या “साग्रह निवेदन करना” या “पैसा मांगना” या “सदैव पैसा मांगते रहना” (यह भी देखें: [निवेदन](../other/plead.md)) -## बाइबल सन्दर्भ: ## +## बाइबल सन्दर्भ: -* [लूका 16:19-21](rc://en/tn/help/luk/16/19) -* [मरकुस 06:56](rc://en/tn/help/mrk/06/56) -* [मत्ती 14:34-36](rc://en/tn/help/mat/14/34) -* [भजन 045:12-13](rc://en/tn/help/psa/045/012) +* [लूका 16:20](rc://hi/tn/help/luk/16/19) +* [मरकुस 6:56](rc://hi/tn/help/mrk/06/56) +* [मत्ती 14:36](rc://hi/tn/help/mat/14/36) +* [भजन 45:12-13](rc://hi /tn/help/psa/045/012) -## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ## +## बाइबल की कहानियों के उदाहरण: -* __[10:04](rc://en/tn/help/obs/10/04)__ परमेश्वर ने सारे मिस्र देश में मेंढकों को भेज दिया। फ़िरौन ने मेंढकों को दूर ले जाने के लिये मूसा से __विनती की__। -* __[29:08](rc://en/tn/help/obs/29/08)__ तब राजा ने उसे बुलाकर उस से कहा, ‘हे दुष्ट दास, तू ने जो मुझ से __विनती की__, तो मैं ने तेरा वह पूरा कर्ज़ क्षमा कर दिया।’ -* __[32:07](rc://en/tn/help/obs/32/07)__ दुष्टात्मा ने यीशु से बहुत विनती की, “हमें इस देश से बाहर न भेज।” वहाँ पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा झुण्ड चर रहा था। दुष्टात्मा ने उससे __विनती__ करके कहा “ कृपया हमें उन सूअरों में भेज दे कि हम उनके भीतर जाए!” -* __[32:10](rc://en/tn/help/obs/32/10)__ तो वह आदमी जिसमें पहले दुष्टात्मा थी, “यीशु के साथ जाने__विनती करने लगा ।” -* __[35:11](rc://en/tn/help/obs/35/11)__ उसका पिता बाहर आया और उसे सबके साथ जश्न मनाने के लिये उससे __विनती करने__ लगा परन्तु उसने मना कर दिया।” -* __[44:01](rc://en/tn/help/obs/44/01)__ एक दिन पतरस और यूहन्ना प्रार्थना करने के लिये मन्दिर में जा रहे थे। तब उन्होंने एक लंगड़े भिखारी को देखा जो पैसों के लिए __भीख माँग रहा था__। +* __[10:4](rc://hi/tn/help/obs/10/04)__ परमेश्वर ने सारे मिस्र देश में मेंढकों को भेज दिया। फ़िरौन ने मेंढकों को दूर ले जाने के लिये मूसा से __विनती की__। +* __[29:8](rc://hi/tn/help/obs/29/08)__ तब राजा ने उसे बुलाकर उस से कहा, ‘हे दुष्ट दास, तू ने जो मुझ से __विनती की__, तो मैं ने तेरा वह पूरा कर्ज़ क्षमा कर दिया।’ +* __[32:7](rc://hi/tn/help/obs/32/07)__ दुष्टात्मा ने यीशु से बहुत __विनती__ की, “हमें इस प्रदेश से बाहर न भेज।” वहाँ पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा झुण्ड चर रहा था। दुष्टात्मा ने उससे __विनती__ करके कहा “ कृपया हमें उन सूअरों में भेज दे कि हम उनके भीतर जाए!” +* __[32:10](rc://hi/tn/help/obs/32/10)__ तो वह आदमी जिसमें पहले दुष्टात्मा थी, “यीशु के साथ जाने__विनती करने लगा ।” +* __[35:11](rc://hi/tn/help/obs/35/11)__ उसका पिता बाहर आया और उसे सबके साथ जश्न मनाने के लिये उससे __विनती__ करने लगा परन्तु उसने मना कर दिया।” +* __[44:1](rc://hi/tn/help/obs/44/01)__ एक दिन पतरस और यूहन्ना प्रार्थना करने के लिये मन्दिर में जा रहे थे। तब उन्होंने एक लंगड़े भिखारी को देखा जो पैसों के लिए __भीख माँग रहा था__। -## शब्द तथ्य: ## +## शब्द तथ्य: -* Strong's: H34, H7592, G154, G1871, G4319, G4434, G6075 +* स्ट्रोंग्स: H0034, H7592, G01540, G18710, G43190, G44340