diff --git a/bible/other/dream.md b/bible/other/dream.md index 2a133ad..1dcacc4 100644 --- a/bible/other/dream.md +++ b/bible/other/dream.md @@ -1,34 +1,35 @@ -# स्वप्न # +# स्वप्न -## परिभाषा: ## +## परिभाषा: -स्वप्न मनुष्यों के सोते समय मस्तिष्क में उभरता है। -* स्वप्न यथार्थ घटना प्रतीत होते हैं जबकि वे होते नहीं हैं। -* कभी-कभी परमेश्वर स्वप्नों द्वारा मनुष्यों को कुछ सिखाता है। परमेश्वर स्वप्नों में मनुष्यों से सीधी बातें भी करता है। -* बाइबल में परमेश्वर ने कुछ लोगों को विशेष स्वप्नों द्वारा सन्देश दिए, अक्सर भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में। +मनुष्य के सोते समय मस्तिष्क में जो देखता है या अनुभव करता है वह स्वप्न कहलाता है। + +* स्वप्न प्रायः यथार्थ घटना प्रतीत होते हैं जबकि वे होती नहीं हैं। +* कभी-कभी परमेश्वर मनुष्यों को स्वप्न दिखाता है कि वे उससे कुछ सीखें। परमेश्वर स्वप्नों में मनुष्यों से सीधी बातें भी कर सकता है। +* बाइबल में परमेश्वर ने कुछ लोगों को विशेष स्वप्नों के माध्यम से सन्देश दिए जो अधिकतर भावी घटनाओं के बारे में थे। * स्वप्न दर्शन से भिन्न होता है। स्वप्न मनुष्य को नींद में दिखाई देते हैं परन्तु दर्शन जागृत अवस्था में दिखाई देते हैं। (यह भी देखें: [दर्शन](../other/vision.md)) -## बाइबल सन्दर्भ: ## +## बाइबल सन्दर्भ: -* [प्रे.का. 02:16-17](rc://en/tn/help/act/02/16) -* [दानिय्येल 01:17-18](rc://en/tn/help/dan/01/17) -* [दानिय्येल 02:1-2](rc://en/tn/help/dan/02/01) -* [उत्पत्ति 37:5-6](rc://en/tn/help/gen/37/05) -* [उत्पत्ति 40:4-5](rc://en/tn/help/gen/40/04) -* [मत्ती 02:13-15](rc://en/tn/help/mat/02/13) -* [मत्ती 02:19-21](rc://en/tn/help/mat/02/19) +* [प्रे.का. 2:16-17](rc://hi/tn/help/act/02/16) +* [दानिय्येल 1:17-18](rc://hi/tn/help/dan/01/17) +* [दानिय्येल 2:1](rc://hi/tn/help/dan/02/01) +* [उत्पत्ति 37:6](rc://hi/tn/help/gen/37/06) +* [उत्पत्ति 40:4-5](rc://hi/tn/help/gen/40/04) +* [मत्ती 2:13](rc://hi/tn/help/mat/02/13) +* [मत्ती 2:19-21](rc://hi/tn/help/mat/02/19) -## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ## +## बाइबल कहानियों से उदाहरण: -* __[08:02](rc://en/tn/help/obs/08/02)__ यूसुफ के भाई उससे बैर रखते थे क्योंकि जब यूसुफ के भाइयो ने देखा कि हमारा पिता हम सबसे अधिक उसी से प्रीति रखता है, और यूसुफ ने __स्वप्न में देखा__ था कि वह अपने भाइयो पर राज्य करेगा। -* __[08:06](rc://en/tn/help/obs/08/06)__ एक रात को मिस्र के राजा ने, जिसे फ़िरौन कहते है उसने रात में दो __स्वप्न__ देखे जो उसे निरंतर परेशान कर रहे थे। जो __स्वप्न__ उसने देखा उसका फल बताने वाला कोई भी नहीं है। -* __[08:07](rc://en/tn/help/obs/08/07)__ परमेश्वर ने यूसुफ को यह योग्यता दी थी कि वह __स्वप्न__ का अर्थ समझ सके, इसलिये फ़िरौन ने यूसुफ को बंदीगृह से बुलवा भेजा। यूसुफ ने उसके लिये __स्वप्न__ की व्याख्या की और कहा कि “सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे, और उनके पश्चात् सात वर्ष अकाल के आयेंगे।” -* __[16:11](rc://en/tn/help/obs/16/11)__ उसी रात जब गिदोन मिद्यानियों के डेरे में आया तब एक मिद्यानी सैनिक अपने संगी से अपना __स्वप्न__ कह रहा था। वह जन अपने संगी से कह रहा था, “कि इस स्वप्न का अर्थ यह हुआ कि गिदोन की सेना हरा देंगी मिद्यानियों की सेना को।” -* __[23:01](rc://en/tn/help/obs/23/01)__ अत: यूसुफ ने जो धर्मी था और उसको बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने का विचार किया। जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे __स्वप्न__ में दिखाई दिया। +* __[8:2](rc://hi/tn/help/obs/08/02)__ यूसुफ के भाई उससे बैर रखते थे क्योंकि जब यूसुफ के भाइयो ने देखा कि हमारा पिता हम सबसे अधिक उसी से प्रीति रखता है, और यूसुफ ने __स्वप्न में देखा__ था कि वह अपने भाइयो पर राज्य करेगा। +* __[8:6](rc://hi/tn/help/obs/08/06)__ एक रात को मिस्र के राजा ने, जिसे मिस्री फ़िरौन कहते थे, रात में दो __स्वप्न__ देखे जो उसे निरंतर परेशान कर रहे थे। जो __स्वप्न__ उसने देखे उनका फल बताने वाला उसके ज्ञानियों में से कोई भी नहीं था। +* __[8:7](rc://hi/tn/help/obs/08/07)__ परमेश्वर ने यूसुफ को यह योग्यता दी थी कि वह __स्वप्न__ का अर्थ समझ सके, इसलिये फ़िरौन ने यूसुफ को बंदीगृह से बुलवा भेजा। यूसुफ ने उसके लिये __स्वप्न__ की व्याख्या की और कहा कि “सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे, और उनके पश्चात् सात वर्ष अकाल के आयेंगे।” +* __[16:11](rc://hi/tn/help/obs/16/11)__ उसी रात जब गिदोन मिद्यानियों के डेरे में आया तब एक मिद्यानी सैनिक अपने संगी से अपना __स्वप्न__ कह रहा था। वह अपने संगी से कह रहा था, “कि इस स्वप्न का अर्थ यह हुआ कि गिदोन की सेना मिद्यानियों की सेना को पराजित कर देगी।” +* __[23:1](rc://hi/tn/help/obs/23/01)__ अत: यूसुफ ने जो धर्मी था और उसको बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने का विचार किया। जब वह इन बातों के सोच ही में था तब प्रभु का स्वर्गदूत उसे __स्वप्न__ में दिखाई दिया। -## शब्द तथ्य: ## +## शब्द तथ्य: -* Strong's: H1957, H2472, H2492, H2493, G1797, G1798, G3677 +* स्ट्रोंग्स: H1957, H2472, H2492, H2493, G17970, G17980, G36770