From 338a8bd8404beb1fa6e306e3da80e3c2b85f4803 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Christopher_Sentu1 Date: Thu, 10 Jun 2021 08:05:36 +0000 Subject: [PATCH] Edit 'bible/kt/highpriest.md' using 'tc-create-app' --- bible/kt/highpriest.md | 22 +++++++++++----------- 1 file changed, 11 insertions(+), 11 deletions(-) diff --git a/bible/kt/highpriest.md b/bible/kt/highpriest.md index d9de553..d718200 100644 --- a/bible/kt/highpriest.md +++ b/bible/kt/highpriest.md @@ -31,18 +31,18 @@ * [मत्ती 26:3-5](rc://hi/tn/help/mat/26/03) * [मत्ती 26:51-54](rc://hi/tn/help/mat/26/51) -## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ## +## बाइबल कहानियों से उदाहरण: -* __[13:08](rc://en/tn/help/obs/13/08)__ केवल __उच्च परोहित__ को ही उन कमरों में जाने की अनुमति थी क्योंकि परमेश्वर उसमे वास करता था। -* __[21:07](rc://en/tn/help/obs/21/07)__ मसीह एक सिद्ध __ उच्च पुरोहित__ होगा जो परमेश्वर के लिए स्वयं का बलिदान देगा। -* __[38:03](rc://en/tn/help/obs/38/03)__ यहूदी गुरुओं ने __प्रधान याजक__ के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये उसे तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए | -* __[39:01](rc://en/tn/help/obs/39/01)__ तब यीशु के पकड़ने वाले उसको__ महा याजक__ के पास ले गए, कि __ वह(महा याजक)__ यीशु से प्रश्न करें। -* __[39:03](rc://en/tn/help/obs/39/03)__ अंत में, __महा याजक__ ने यीशु की ओर देखकर उससे कहा कि, “हमें बता कि क्या तू मसीह है, जीवते परमेश्वर का पुत्र?” -* __[44:07](rc://en/tn/help/obs/44/07)__ दूसरे दिन ऐसा हुआ कि यहूदी याजक पतरस और यूहन्ना को लेकर __महायाजक__ के पास गए। -* __[45:02](rc://en/tn/help/obs/45/02)__ तब स्तिफनुस को पकड़कर महासभा में ले गए और उसे __महायाजक__ और अन्य यहूदी नेताओं के सामने खड़ा किया गया जहाँ कई ओर झूठे गवाहों ने स्तिफनुस के बारे में झूठ बोला। -* __[46:01](rc://en/tn/help/obs/46/01)__ __महायाजक__ ने शाउल को यह अनुमति दी की वह दमिश्क शहर में जाकर वहा के मसीहियों को पकड़कर वापस यरूशलेम ले आए। -* __[48:06](rc://en/tn/help/obs/48/06)__ यीशु सबसे __महान पुरोहित__ है। दूसरे याजकों से भिन्न, उसने अपने आप को उस एकलौते बलिदान के रूप में अर्पण किया जो संसार के सभी मनुष्य के पाप को हटा सकती है। यीशु सबसे उत्तम __महान पुरोहित__ है क्योंकि उसने सभी मनुष्यों के सभी पापों का दण्ड, जो उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी किया हो, अपने ऊपर ले लिया। +* __[13:8](rc://hi/tn/help/obs/13/08)__ __महायाजक__की अपेक्षा परदे के पीछे के कक्ष में कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता था क्योंकि वहाँ परमेश्वर का निवास था। +* __[21:7](rc://hi/tn/help/obs/21/07)__ मसीह जो आएगा वही एकमात्र एक सिद्ध __महायाजक__ होगा जो परमेश्वर के लिए सिद्ध बलि होने के लिए स्वयं को दे देगा। +* __[38:3](rc://hi/tn/help/obs/38/03)__ यहूदी गुरुओं ने __प्रधान याजक__ के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये यहूदा को तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए | +* __[39:1](rc://hi/tn/help/obs/39/01)__ तब यीशु के पकड़ने वाले उसको__महायाजक__ के घर ले गए, कि __महा याजक__ यीशु से प्रश्न करे। +* __[39:3](rc://hi/tn/help/obs/39/03)__ अंत में, __महायाजक__ ने यीशु की ओर सीधा देखकर उससे कहा, “हमें बता कि क्या तू मसीह है, जीवते परमेश्वर का पुत्र?” +* __[44:7](rc://hi/tn/help/obs/44/07)__ दूसरे दिन ऐसा हुआ कि यहूदी याजक पतरस और यूहन्ना को लेकर __महायाजक__ और अन्य यहूदी अगुओं के पास गए। +* __[45:2](rc://hi/tn/help/obs/45/02)__ तब धर्मगुरुओं ने स्तिफनुस को पकड़ा और __महायाजक तथा यहूदियों के अन्य धर्मगुरुओं के पास ले गए जहां और अधिक झूठे गवाहों ने स्तिफनुस के विषय झूठी बातें कहीं। +* __[46:1](rc://hi/tn/help/obs/46/01)__ __महायाजक__ ने शाऊल को अनुमति दी कि वह दमिश्क शहर में जाकर वहा के मसीहियों को पकड़कर वापस यरूशलेम ले आए। +* __[48:6](rc://hi/tn/help/obs/48/06)__ यीशु एक महान __महायाजक__ है, दूसरे याजकों से भिन्न। उसने अपने आप को उस एकलौते बलिदान के रूप में अर्पण किया जो संसार के सब मनुष्य के पापों को उठा कर ले जा सकता है। यीशु एक सिद्ध __महायाजक__ है क्योंकि उस हर एक पाप का दंड भोगा जो कभी किसी ने किया हो। -## शब्द तथ्य: ## +## शब्द तथ्य: * Strong's: H7218, H1419, H3548, G748, G749