From 23e37a1d7f0f8580d26b91b829a3ea0425a965cf Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Christopher_Sentu1 Date: Wed, 27 Apr 2022 04:50:03 +0000 Subject: [PATCH] Edit 'bible/other/tradition.md' using 'tc-create-app' --- bible/other/tradition.md | 10 +++++----- 1 file changed, 5 insertions(+), 5 deletions(-) diff --git a/bible/other/tradition.md b/bible/other/tradition.md index a9b05ea..fc079dc 100644 --- a/bible/other/tradition.md +++ b/bible/other/tradition.md @@ -1,13 +1,13 @@ -# परम्परा, परम्पराओं # +# परम्परा ## परिभाषा: ## परम्परा, प्रथाएं एवं अभ्यास थे जो दीर्घकालीन व्यवहारगत रहे और आनेवाली पीढ़ियों को दिए गए। -* बाइबल में अक्सर "परम्पराओं" शब्द जो कि लोगों द्वारा किए गए शिक्षाओं और प्रथाओं के बारे में बताया जाता है, परमेश्वर के व्यवस्थाओं के अनुसार नहीं। अभिव्यक्ति "पुरुषों की परंपरा" या "मानव परंपरा" इस स्पष्ट करता है। -* वाक्यांश जैसे कि "पुरखों की परंपराओं" या "मेरे पिता की परंपराओं" विशेष रूप से यहूदी रीति-रिवाजों और प्रथाओं के लिए विशेष रूप को संदर्भित करता हैं, जो समय के साथ यहूदी अगुवों ने मूसा के द्वारा इस्राएलियों को दिए गए नियमों में समय के साथ जोड़ा गया था। यद्यपि इन जोड़े गए परंपराएं परमेश्वर से नहीं आई थीं, और लोगों ने सोचा कि उन्हें धर्मी होना के लिए उन्हें इनका पालन करना होगा। -* प्रेरित पौलुस ने “परम्परा” को अलग तरीके से उपयोग किया मसीही अभ्यास के बारे में शिक्षाओं को जो परमेश्वर से आया था संदर्भित करने के लिए जो उसने और अन्य प्रेरितों ने नए विश्वासियों को सिखाया। -* आधुनिक समय में, कई मसीही परंपराएं हैं जो बाइबल में सिखाई नहीं जाती हैं बल्कि ऐतिहासिक रूप से स्वीकार किए गए रीति-रिवाजों और प्रथाओं का नतीजा है। ये परंपराएं हमेशा बाइबल में परमेश्वर के बारे में हमें सिखाए गए कार्यों के आधार पर मूल्यांकन की जानी चाहिए। +* बाइबल में "परम्पराओं" शब्द शब्द का सन्दर्भ प्रायः मानव रचित शिक्षाओं और अभ्यासों से है जो परमेश्वर की व्यवस्था नही थी। यह अभिव्यक्ति, "मनुष्यों की परंपरा" या "मानवीय परंपरा" इस को स्पष्ट करती है। +* यह वाक्यांश जैसे, "पूर्वजों की परंपराओं" या "पितरों की परंपराओं" का सन्दर्भ विशेष करके उन यहूदी प्रथाओं और अभ्यासों से है जिनको यहूदी अगुओं ने समय के अंतराल में मूसा प्रदत्त परमेश्वर की व्यवस्था में जोड़ दिया था यद्यपि, ये अनुषांगिक परम्पराएं परमेश्वर प्रदत्त नहीं थीं, मनुष्यों में एक धारणा थी कि धार्मिकता के लिए ये आवश्यक थीं। +* प्रेरित पौलुस ने “परम्परा” को अलग तरीके से उपयोग किया जो पत्मेश्वर प्रदत्त मसीही आचरण के सन्दर्भ में शिक्षाओं के सम्बन्ध में थीं और उसने तथा अन्य प्रेरितों ने नव्विश्वासियों को उनकी शिक्षा दी थी। +* आधुनिक समय में, कई मसीही परंपराएं हैं जो बाइबल में सिखाई नहीं गई हैं| वे परम्पराओं और अभ्यासों के ऐतिहासिक स्वीकरण का परिणाम हैं। इन परम्पराओं का अवलोकन बाइबल में निहित परमेश्वर की शिक्मेंषाओं के प्रकाश में की जाना आवश्यक है। (यह भी देखें: [प्रेरित](../kt/apostle.md), [विश्वास](../kt/believer.md), [मसीही विश्वासी](../kt/christian.md), [पूर्वजों](../other/father.md), [पीढ़ी](../other/generation.md), [यहूदी](../kt/jew.md), [व्यवस्था](../kt/lawofmoses.md), [मूसा](../names/moses.md))