“मन की खराई” का संदर्भ सत्यनिष्ठा और दृढ़ नैतिक सिद्धान्तों एवं आचरण से है।
* खराई का अर्थ यह भी है कि जब कोई देख न रहा हो तब भी सच्चाई और उचित काम करना।
* बाइबल के कुछ पात्र जैसे यूसुफ एवं दानिय्येल ने मन की खराई का प्रदर्शन किया था जब उन्होंने बुराई करने का परित्याग और परमेश्वर की आज्ञा मानने का निर्णय लिया था।
* नीतिवचन की पुस्तक में लिखा है कि धनवान और भ्रष्ट या अनिष्ठ होने की अपेक्षा खरा एवं दरिद्र होना उत्तम है।
## अनुवाद सुझाव ##
* “खराई” का अनुवाद, “सत्यनिष्ठा” या “नैतिक औचित्य” या “सत्यवादी व्यवहार” या “विश्वासयोग्य, ईमानदारी से काम करना” किया जा सकता है ।