* __[21:12](rc://hi/tn/help/obs/21/12)__ यशायाह ने भविष्यवाणी की थी, कि लोग मसीह के ऊपर थूकेंगे, उसको __ठट्ठों में उड़ाएँगे__, और उसे मारेंगे।
* __[39:05](rc://hi/tn/help/obs/39/05)__ यहूदी अगुवों ने महा याजक को उत्तर दिया, “यह मरने के योग्य है!” तब उन्होंने यीशु की आँखें ढांककर, उसके मुँह पर थूका और उसे मारा, और उसका __ठट्ठा उड़ाया__ |
* __[39:12](rc://hi/tn/help/obs/39/12)__ रोमन सैनिकों ने यीशु को कोड़े मारे, और राजसी बागा पहनाकर काँटों का मुकुट उसके सिर पर रखा | तब उन्होंने यह कहकर यीशु का __मज़ाक उड़ाया__ देखो, “यहूदियों का राजा!”
* __[40:4](rc://hi/tn/help/obs/40/04)__ यीशु को दो डाकुओ के बीच क्रूस पर चढ़ाया गया | उनमें से एक ने यीशु का __ठट्ठा उड़ाया__ परन्तु दूसरे ने कहा कि, “क्या तू परमेश्वर से नहीं डरता?
* __[40:5](rc://hi/tn/help/obs/40/05)__ यहूदी और अन्य लोग जो भीड़ में थे वे यीशु का __ठट्ठा करके__ कहते थे,, “अगर तू परमेश्वर का पुत्र है तो क्रूस पर से उतर आ, और अपने आप को बचा | तब हम तुझ पर विश्वास करेंगे |”