कालेब उन बारह इस्राएली भेदियों में से एक था जिन्हें मूसा ने कनान की जानकारी लेने के लिए भेजा था।
उसने और यहोशू ने इस्राएलियों को प्रोत्साहित किया था कि वे परमेश्वर पर भरोसा रखें वह उन्हें कनान पर विजय दिलाएगा।
* यहोशू और कालेब उस पीढ़ी के दो ही जन थे जिन्हें प्रतिज्ञा के देश, कनान में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई थी।
* कालेब ने निवेदन किया था कि उसे और उसके परिवार को हेब्रोन दिया जाए। उसे विश्वास था कि परमेश्वर उसे वहां के लोगों को पराजित करने में उसकी सहायता करेगा।
* __[14:04](rc://en/tn/help/obs/14/04)__जब इस्राएली कनान की सीमा पर पहुँचे, तब मूसा ने बारह पुरषों को चुना इस्राएल के हर गोत्र में से उसने उन पुरषों को आदेश दिया कि जाओ और भूमि का पता लगाओ कि वह कैसी दिखती है ।
* __[14:06](rc://en/tn/help/obs/14/06)__ तुरन्त ही __कालेब__ और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह सही है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे ! परमेश्वर हमारे लिये उनसे युद्ध करेगा।"
* __[14:08](rc://en/tn/help/obs/14/08)__ “उनमे से कालिब और यहोशू को छोड़ जितने बीस वर्ष के या उससे अधिक आयु के जितने गिने गए थे ,वह मर जाएगे और कभी प्रतिज्ञा के देश में प्रवेश नहीं करेंगे।"