* यह शब्द प्रतीकात्मक रूप में भी काम में लिया जाता है जिसका संदर्भ किसी पूर्णतः अभिभूत करनेवाली बात से होता है, विशेष करके अक्स्मात ही होनेवाली घटना से।
* नूह के युग में मनुष्य ऐसा दुराचारी हो गया था कि परमेश्वर ने पृथ्वी को जल-मग्न करके सर्वनाश कर दिया था, यहां तक कि पहाड़ भी पानी में डूब गए थे। नूह के जहाज में जितने प्राणी थे उन सबको छोड़ पृथ्वी पर से जीवन समाप्त हो गया था। अन्य सब बाढ़ यदा-कदा ही भूमि को जल-मग्न करती है।
* यह शब्द भी पाप कर्मक क्रिया है, “भूमि नदी के जल में मग्न हो गई”।
## अनुवाद के सुझाव: ##
* “जल-प्रलय” का वास्तविक अर्थ का अनुवाद हो सकता है, “जल आप्लापित होना” या “बहुत अधिक पानी”
* रूपात्मक तुलना “जल-प्रलय जैसा” को ज्यों का त्यों रहने दिया जाए। या इसका वैकल्पिक शब्द उक्ति काम में ली जाए जिसका अभिप्राय जल प्रवाह हो जैसे नदी।
* यह अभिव्यक्ति “जल-प्रलय के सदृश्य” जिसमें जल की चर्चा हो चुकी है, अतः “प्रलय” का अनुवाद हो सकता है, “बहुत अधिक मात्रा में” या “उमड़ना”
* इस शब्द को रूपक स्वरूप भी काम में लिया जा सकता है, जैसे “मुझ पर बाढ़ न आने दो” अर्थात आपदाएं मुझे कुचल न डालें। या “मुझे आपदाओं के विनाश में न पड़ने दो” या “तुम्हारा क्रोध मुझे भस्म न करे”। (देखें: [उपमा](rc://en/ta/man/translate/figs-metaphor))
* प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति, “मैंने आँसुओं से अपना बिस्तर बहाया” का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “मेरे आँसू पानी में एक बाढ़ की तरह मेरे बिस्तर पर बह रहा है।”