“सच्चा” और “सच्चाई” तथ्यों के विचार से संबन्धित हैं, घटनाएं जो वास्तव में घटीं, और जो बातें वास्तव में कही गई। ऐसी अवधारणाओं को "सच्चा" कहते है। सत्य कथन वे बातें हैं जो वास्तविक संसार के अनुसार झूठी नहीं हैं|
* “आत्मा और सच्चाई में परमेश्वर की आराधना करें”, इस उक्ति में, “सत्य में” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर ने हमें जो शिक्षा दी है उसका निष्ठापूर्वक पालन करना”
* __[2:4](rc://hi/tn/help/obs/02/04)__ साँप ने औरत को जवाब दिया, “यह __सच__ नहीं है ! तुम नहीं मरोगे।
* __[14:6](rc://hi/tn/help/obs/14/06)__ तुरन्त ही कालेब और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह __सच__ है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे ! परमेश्वर हमारे लिये उनसे युद्ध करेगा।"
* __[16:1](rc://hi/tn/help/obs/16/01)__ इस्राएलियों ने यहोवा जो __सच्चा__ परमेश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
* __[31:8](rc://hi/tn/help/obs/31/08)__उन्होंने यीशु की आराधना करी, और उसे कहा, __सचमुच__, तू परमेश्वर का पुत्र है |”
* __[39:10](rc://hi/tn/help/obs/39/10)__ मैं परमेश्वर के बारे में सच बताने के लिये पृथ्वी पर आया हूँ | हर वह व्यक्ति जिसे __सच्चाई __से प्रेम है, मुझे सुनेगा |” पिलातुस ने कहा, “__सच__ क्या है?”