“धर्मी ठहराएगा” और “धार्मिकता” का अर्थ है दोषी मनुष्य को न्यायोचित ठहराना। केवल परमेश्वर मनुष्यों को वास्तव में न्यायोचित ठहरा सकता है।
* जब परमेश्वर मनुष्यों को न्यायोचित ठहराता है तब वह उनके पाप क्षमा करके ऐसा कर देता है कि उन्होंने कभी पाप नहीं किया। वह उन पापियों को ही न्यायोचित ठहराता है जो पाप मोचन के लिए यीशु में विश्वास करते हैं।
* “धार्मिकता” का संदर्भ परमेश्वर द्वारा मनुष्यों के पापों की क्षमा से और घोषणा से है कि वे मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में न्यायोचित है।
## अनुवाद के सुझाव: ##
* “धर्मी ठहराना” के अन्य अनुवाद है, “(किसी) को धर्मी घोषित करना” या “(किसी) के धर्मी होने का कारण होना।”
* शब्द "औचित्य" का अनुवाद "धर्मी ठहराया जा रहा है" या "धर्मी बनना" या "लोगों को धर्मी होना" के रूप में किया जा सकता है।
* वाक्यांश "परिणामस्वरूप औचित्य" का अनुवाद हो सकता है "ताकि परमेश्वर ने कई लोगों को उचित ठहराया" या "जिसके परिणामस्वरूप परमेश्वर ने लोगों को धर्मी ठहराया।"
* वाक्यांश "हमारे औचित्य के लिए" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है "ताकि हम भगवान द्वारा धर्मी बनाया जा सके।"
(यह भी देखें: [क्षमा](../kt/forgive.md), [दोष](../kt/guilt.md), [धर्मीजन](../kt/righteous.md))