* "जीवन" किसी मनुष्य के सन्दर्भ में भी होता है, जैसे "जान बचाई गई"
* कभी-कभी "जीवन" शब्द जीवन शैली के अनुभव को संदर्भित करता है, "उसका जीवन सुखदायक था।"
* यह किसी व्यक्ति की उम्र का भी उल्लेख कर सकता है, जैसा कि इस अभिव्यक्ति में है, "उसके जीवन का अंत"
* "जीवित रहना" शब्द का सन्दर्भ शारीरिक रूप से जीवित होने का सन्दर्भ देता है, जैसे, "मेरी मां अभी भी जीवित है।" यह निवास का उल्लेख कर सकता है, "वे इस शहर में रह रहे थे।"
* बाइबल में, "जीवन" की अवधारणा प्रायः "मृत्यु" की अवधारणा के विपरीत व्यक्त की गई है।
* बाइबल पाठ में आत्मिक जीविन की बात की जाती है, तो "जीवन" का अनुवाद निम्न व्यक्त रूपों में किया जा सकता है: "शाश्वत जीवन" या "परमेश्वर हमें हमारी आत्माओं में जीवित रखता है" या "परमेश्वर के आत्मा द्वारा नव जीवन" या "अपने आंतरिक मनुष्यत्व में जीवित किए गए"
* सन्दर्भ के आधार पर, इस अभिव्यक्ति, "जीवन दान" का अनुवाद हो सकता है, "जीवित रखना" या "अनंत जीवन देना" या "अनंत जीवन देना"
* __[1:10](rc://hi/tn/help/obs/01/10)__ फिर परमेश्वर ने मिट्टी ली, और उससे आदम को बनाया, और उसमें __जीवन__ का साँस फूँक दिया।
* __[3:1](rc://hi/tn/help/obs/03/01)__ एक लंबे समय के बाद, बहुत से लोग दुनिया में __रह रहे__ थे।
* __[8:13](rc://hi/tn/help/obs/08/13)__ जब यूसुफ के भाई अपने पिता याकूब के पास पहुँचे और उससे कहा, यूसुफ अब तक __जीवित__ है, यह सुन वह बहुत प्रसन्न हुआ।
* __[17:9](rc://hi/tn/help/obs/17/09)__ हालांकि, अपने __जीवन__ के अंतिम समय में उसने परमेश्वर के विरुद्ध भयानक अपराध किया।
* __[27:1](rc://hi/tn/help/obs/27/01)__ एक दिन, यहूदी धर्म में निपुण एक व्यवस्थापक यीशु के पास उसकी परीक्षा लेने के लिए आया, और कहने लगा, “हे गुरु अनन्त __जीवन__ का वारिस होने के लिए मैं क्या करूं?”
* __[35:5](rc://hi/tn/help/obs/35/05)__ यीशु ने उत्तर दिया, "मैं पुनरुत्थान और __जीवन__ हूँ।"
* __[44:5](rc://hi/tn/help/obs/44/05)__ “तुम वही हो जिसने रोमी साम्राज्य से कहा कि यीशु को मार दिया जाएँ। तुम ने __जीवन__ के कर्ता को मार डाला, लेकिन परमेश्वर ने उसे मरे हुओ में से जिलाया।”