“लज्जित करना” का अर्थ है किसी का निरादर एवं अपमानित करना। यह प्रायः सार्वजनिक होता है किसी को लज्जित करने का काम “अपमान” है।
* जब परमेश्वर किसी को दीन बनाता है तो इसका अर्थ है, वह घमण्डी को विफल करता है कि घमण्ड पर जय पाने में उसकी सहायता करे। यह निरादर से भिन्न है जो किसी को दुःख पहुँचाने के लिए किया जाता है।
* “निरादर” का अर्थ लज्जित करना भी हो सकता है या “लज्जा की अनुभूति” या “लज्जा”।
* प्रकरण के अनुसार निरादर के अनुवाद हो सकते है, “लज्जा” या “अपमान” या “मर्यादा गर्दन”