“अशुद्ध करना” अर्थात किसी पवित्र स्थान को या पवित्र वस्तु के नष्ट-भ्रष्ट करना कि वह आराधना में उपयोग के योग्य न रह जाए।
* “अपवित्र करने” में प्रायः उसके प्रति घोर अपमान की भावना होती है।
* उदाहरणार्थ अन्यजाति राजाओं ने परमेश्वर के मन्दिर के पवित्र पात्रों को अपने राजमहल में भोज के समय मदिरा पान के लिए काम में लिए थे।
* इस्राएल के शत्रु मृतकों की हड्डियों द्वारा परमेश्वर के मन्दिर को पवित्र करते थे।
* इस शब्द का अनुवाद किया जा सकता है, “अपवित्र करने का कारण होना” या “अपवित्र करके अनादर करना” या “अपमानजनक अपवित्र” या “अशुद्धता का कारण उत्पन्न करना”।