बाइबल में यहोशू नाम के अनेक इस्राएली पुरुष हुए हैं। सबसे अधिक प्रसिद्ध नून का पुत्र यहोशू है, वह मूसा का सहायक था और उसके बाद परमेश्वर की प्रजा का एक महत्वपूर्ण अगुआ हुआ था।
* कालेब के साथ यहोशू ने इस्राएलियों से आग्रह किया कि वे प्रतिज्ञा के देश में प्रवेश करने के लिए परमेश्वर की आज्ञा का पालन करें और कनानियों को पराजित करें।
* पुराने नियम में यहोशू की पुस्तक में वर्णन किया गया है कि यहोशू ने प्रतिज्ञा के देश पर अधिकार करने में इस्राएलियों की कैसे अगुवाई की थी और फिर इस्राएल के प्रत्येक गोत्र को रहने के लिए भूमि का विभाजान कैसे किया था।
* __[14:4](rc://hi/tn/help/obs/14/04)__जब इस्राएली कनान की सीमा पर पहुँचे, तब मूसा ने बारह पुरषों को चुना, इस्राएल के हर गोत्र में से एक, उसने उन पुरुषों को आदेश दिया कि जाकर उस देश का भेद लें कि वह कैसा है।
* __[14:6](rc://hi/tn/help/obs/14/06)__ तुरन्त ही कालेब और __यहोशू__, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह सही है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे !
* __[14:8](rc://hi/tn/help/obs/14/08)__ उनमे से कालेब और __यहोशू__ को छोड़ जितने बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के गिने गए थे, वहीं मर जाएंगे, कोई भी उस देश में कभी जाने न पाएगा।
* __[14:14](rc://hi/tn/help/obs/14/14)__ मूसा बहुत वृद्ध हो गया था, उसकी सहायता करने के लिए परमेश्वर ने __यहोशू__ को चुना जिससे वे लोगों का मार्गदर्शन करने में उसकी सहायता करे।
* __[14:15](rc://hi/tn/help/obs/14/15)__ __यहोशू__ एक अच्छा अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर विश्वास करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
* __[15:3](rc://hi/tn/help/obs/15/03)__ जब सब इस्राएलियों ने यरदन नदी को पार कर लिया, तब परमेश्वर ने __यहोशू__ को बताया कि किस प्रकार से यरीहो के शक्तिशाली शहर पर आक्रमण करना है।