* प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में इस पुस्तक को “मेम्ने के जीवन की पुस्तक” कहा गया है। इसका अनुवाद किया जा सकता है, “परमेश्वर के मेम्ने यीशु की जीवन की पुस्तक”। क्रूस पर यीशु की बलि ने मनुष्यों के पाप का दण्ड उठा लिया कि वे उसमें विश्वास के द्वारा अनन्त जीवन पाएं।
* “पुस्तक” शब्द का अर्थ है “कुंडली-ग्रन्थ” या “पत्र” या “लेख” या “वैध अभिलेख।” यह शाब्दिक या प्रतीकात्मक हो सकता है।