“चोर” या “लुटेरा” वह व्यक्ति है जो मनुष्यों का पैसा या सामान चुराता है। "चोर" का बहुवचन है "चोरों।" शब्द "डाकू" अक्सर एक चोर को दर्शाता है जो शारीरिक रूप से उन लोगों को हानि पहुँचाता या धमकाता है जिससे वह चोरी करता हैं।
* यीशु ने एक सामरी का दृष्टान्त सुनाया, जिसने एक यहूदी व्यक्ति का ख्याल रखा जिस पर लुटेरों ने हमला किया था। लुटेरों ने यहूदी व्यक्ति को पीटा और उसके पैसे और कपड़े चोरी करने से पहले उसे घायल कर दिया था।
* चोर और लुटेरों दोनों चोरी करने अचानक ही आते है, जब लोग इसकी उम्मीद नहीं करते। वे प्रायः अन्धकार में काम करते हैं कि छिपे रहें।
* नये नियम में शैतान को प्रतीकात्मक रूप में एक चोर कहा गया है जो चोरी करने, हत्या करने और नाश करने आता है। इसका अर्थ है कि शैतान की योजना है कि परमेश्वर के लोगों को भरमाकर उसकी आज्ञा मानने से रोके। अगर शैतान ऐसा करने में सफल हुआ तो लोगों से अच्छी चीजें चोरी कर लेगा जो परमेश्वर ने उनके लिए योजना बनाई है।
* यीशु ने अपने पुनरागमन की तुलना चोर से किया जो अचानक लोगों से चोरी करने आता है। जैसे चोर ऐसे समय आता है जब मनुष्य उसकी प्रतीक्षा में नहीं रहता है वैसे ही यीशु भी अकस्मात ही आ जाएगा जब मनुष्य उसके आगमन के लिए तैयार न हो।