“शान्ति” शब्द वह परिस्थिति है जब किसी भी प्रकार का झगड़ा या चिन्ता या भय न हो। “शांतिपूर्ण” मनुष्य नीरवता का अनुभव करता है और उसे सुरक्षा का विश्वास होता है।
* “शान्ति” उस समय को भी दर्शाती है जब जातियां और देश आपस में युद्ध नहीं करते हैं। इन लोगों के “शांतिपूर्ण संबन्ध” कहलाते हैं।
* किसी मनुष्य का समुदाय के साथ “शान्ति स्थापित” का करने का अर्थ है युद्ध रोकने का प्रयास करना।
* “शान्ति बनाने वाला” वह मनुष्य है जो मनुष्यों को परस्पर शान्ति में रहने के लिए काम करता है या प्रभावित करनेवाली बातें करता है।
* __[15:06](rc://en/tn/help/obs/15/06)__ परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी ,कि वह कनान में लोगों के किसी भी समूह के साथ समझौता __संधि__ स्थापित न करे,
* __[15:12](rc://en/tn/help/obs/15/12)__तब परमेश्वर ने इस्राएलियों को सारी सीमा के साथ __शांति__ प्रदान की।
* __[16:03](rc://en/tn/help/obs/16/03)__तब परमेश्वर ने एक उद्धारकर्ता प्रदान किया, जिन्होंने उन्हें अपने शत्रुओं से बचाया और देश में __शांति__ लाई।
* __[21:13](rc://en/tn/help/obs/21/13)__ वह अन्य लोगों के पापों के कारण मारा जाएगा। उसके दण्डित होने से परमेश्वर और लोगों के बीच में __शान्ति__ स्थापित होगी।
* __[48:14](rc://en/tn/help/obs/48/14)__ दाऊद इस्राएल का राजा था, लेकिन यीशु पूरे ब्रह्मांड का राजा है! वह फिर से आएगा, और अपने राज्य पर न्याय और __शांति__ के साथ हमेशा राज्य करेगा।
* __[50:17](rc://en/tn/help/obs/50/17)__ यीशु अपने राज्य पर __शान्ति__ व न्याय के साथ शासन करेगा, और वह हमेशा अपने लोगों के साथ रहेगा।